नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए 60 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री से निर्मित ‘अचल’ फास्ट पेट्रोल वेसल को सोमवार को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इस उन्नत जहाज का निर्माण सुरक्षा, निगरानी और अपतटीय क्षेत्रों की रक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। लॉन्चिंग समारोह में ‘अचल’ का नामकरण पश्चिमी समुद्र तट के तटरक्षक कमांडर अनिल कुमार हरबोला की पत्नी कविता हरबोला ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया।
यह जहाज भारत के रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि है, जिसका निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत किया गया है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार उपाध्याय ने इस मौके पर कर्मचारियों और स्थानीय उद्योगों की सराहना करते हुए कहा कि “अचल का शुभारंभ हमारे देश की जहाज निर्माण क्षमता का एक अनुकरणीय उदाहरण है और इससे तटरक्षक बल की समुद्री निगरानी और सुरक्षा की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।”
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योजना और निर्माण: आत्मनिर्भरता की मिसाल
GSL द्वारा बनाए जा रहे कुल आठ फास्ट पेट्रोल वेसल्स में ‘अचल’ तीसरी इकाई है, जिसका निर्माण 28 मार्च 2022 को हुए 473 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत किया जा रहा है। इन जहाजों में 60% से अधिक स्वदेशी सामग्री का प्रयोग किया गया है, जिससे न केवल भारतीय रक्षा क्षेत्र सशक्त हुआ है बल्कि स्थानीय एमएसएमई और उद्योगों को भी व्यापक रोजगार मिला है।
‘अचल’ की खासियतें
- इन-हाउस डिजाइन: GSL ने भारतीय तटरक्षक बल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस पोत को अपने स्तर पर डिजाइन और विकसित किया है।
- आकार व गति: यह जहाज 52 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है, जो 27 नॉट्स की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है। इसका विस्थापन 320 टन है।
- तकनीकी क्षमता: इसमें CPP (Controllable Pitch Propeller) आधारित प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।
- मुख्य भूमिका: तटीय सुरक्षा, निगरानी, नियंत्रण और गश्त इसकी प्रमुख भूमिकाएं रहेंगी। यह विशेष रूप से अपतटीय संपत्तियों और द्वीप क्षेत्रों की रक्षा के लिए उपयुक्त है।
- रोजगार सृजन: परियोजना ने जीएसएल और उससे जुड़े स्थानीय उद्योगों में उत्पादन गतिविधियों के माध्यम से बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन किया है।
साझेदारी और राष्ट्रहित
‘अचल’ की लॉन्चिंग भारतीय तटरक्षक बल और जीएसएल के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को और सुदृढ़ करती है। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में रक्षा क्षेत्र की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह जहाज तटीय निगरानी और समुद्री सुरक्षा के लिहाज़ से एक रणनीतिक संपत्ति साबित होगा, जो भारत के समुद्री क्षेत्र की रक्षा को नए आयाम देगा।
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