- 15 साल से लंबित सौदा अब पूरा होने की तैयारी, बढ़ेगी वायुसेना की लंबी दूरी की मारक क्षमता

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत में जल्द ही बड़ा इजाफा होने जा रहा है। वायुसेना को छह नए मिड-एयर रिफ्यूलिंग (हवाई ईंधन भरने वाले) विमान मिलने जा रहे हैं। इसके लिए भारत और इजराइल की सरकारी कंपनी ‘इजराइल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (IAI)’ के बीच 8,000 करोड़ रुपये की डील अंतिम चरण में पहुंच गई है।

यह सौदा कई सालों से लंबित था, लेकिन अब सभी तकनीकी और नीतिगत प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। समझौते पर जल्द हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।


इजराइल की कंपनी ‘आईएआई’ बनाएगी विशेष टैंकर विमान

इस डील के तहत ‘आईएआई’ कंपनी पुराने बोइंग-767 कमर्शियल विमानों को रिफ्यूलिंग टैंकर विमानों में तब्दील करेगी
कंपनी ने भारत की ऑफसेट नीति के तहत लगभग 30 प्रतिशत "मेक इन इंडिया" सामग्री शामिल करने पर सहमति जताई है।
इसका मतलब है कि इन विमानों के कई हिस्सों और प्रणालियों का निर्माण या असेंबली भारत में की जाएगी, जिससे देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा।


रूस और यूरोप की कंपनियां दौड़ से बाहर

रूस और यूरोप की कई रक्षा कंपनियां भी इस डील की दौड़ में शामिल थीं, लेकिन वे भारत की ‘मेक इन इंडिया’ शर्तों और तकनीकी मानकों को पूरा नहीं कर सकीं।
वहीं, इजराइली कंपनी ने न केवल तकनीकी आवश्यकताएं पूरी कीं, बल्कि भारतीय उद्योगों को साझेदारी में शामिल करने की भी हामी भरी।


15 साल से अटका था टैंकर विमान सौदा

भारत में मिड-एयर रिफ्यूलिंग विमानों की जरूरत पर 2009 से चर्चा चल रही थी, लेकिन वित्तीय और तकनीकी कारणों से हर बार डील टलती रही।
वायुसेना के पास फिलहाल कुछ सीमित टैंकर विमान हैं, जिनसे लंबी दूरी तक उड़ान भरने में सीमाएं आती हैं।
नए टैंकर विमानों के आने से भारतीय वायुसेना को अपने राफेल, सुखोई और तेजस फाइटर जेट्स की लॉन्ग रेंज ऑपरेशन क्षमता को और बढ़ाने में मदद मिलेगी।


बढ़ेगी वायुसेना की रफ्तार और पहुंच

नए रिफ्यूलिंग विमानों की तैनाती से भारतीय वायुसेना को समुद्र पार या दुर्गम क्षेत्रों में लंबे ऑपरेशनों को अंजाम देने की क्षमता मिलेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह डील वायुसेना के लिए एक “फोर्स मल्टीप्लायर” साबित होगी।
हवाई ईंधन भरने से विमान बिना रुके हजारों किलोमीटर तक उड़ान भर सकते हैं, जिससे आपात स्थिति में प्रतिक्रिया समय काफी घट जाएगा।


सेना और वायुसेना को मिलेंगे 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर

वहीं, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना और वायुसेना के लिए 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर (Light Utility Helicopters) खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी की गई है।
इनमें से 120 हेलिकॉप्टर सेना को और 80 वायुसेना को मिलेंगे।
नए हेलिकॉप्टर पुराने चेतक और चीता मॉडलों की जगह लेंगे और रिकॉनेसेन्स (जासूसी) व सर्विलांस मिशनों में इस्तेमाल किए जाएंगे।


‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने पर जोर

रक्षा मंत्रालय का उद्देश्य इन हेलिकॉप्टरों के निर्माण में भारतीय कंपनियों और विदेशी निर्माताओं (OEMs) के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करना है।
ये हेलिकॉप्टर दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम होंगे और पहाड़ी व सीमावर्ती इलाकों में भारतीय सेनाओं की ताकत बढ़ाएंगे।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रक्षा सशक्तिकरण

इजराइल के साथ यह रिफ्यूलिंग विमान डील और 200 हल्के हेलिकॉप्टरों की योजना, भारत के आत्मनिर्भर रक्षा कार्यक्रम (Make in India in Defence) को नई गति देगी।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में भारत न केवल अपनी हवाई क्षमताओं में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए घरेलू उद्योगों को भी मजबूत करेगा।