- “ऑपरेशन सिंधु” के दौरान भारतीय वायुसेना ने मात्र चार दिनों में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी
नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना का 93वां स्थापना दिवस बुधवार को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि “ऑपरेशन सिंधु” के दौरान भारतीय वायुसेना ने मात्र चार दिनों में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। यह विजय न केवल वायुसेना की रणनीतिक कुशलता का प्रतीक है, बल्कि स्वदेशी तकनीक और अदम्य साहस की मिसाल भी है।
चार दिन में दुश्मन पर निर्णायक जीत
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंधु के दौरान भारतीय वायुसेना ने शत्रु के ठिकानों पर गहरे प्रहार किए और उन्हें चार दिनों के भीतर ही पस्त कर दिया। उन्होंने कहा, “हमारी वायुसेना ने साबित किया कि अनुशासन, योजना और निश्चय के साथ किसी भी चुनौती को हराया जा सकता है।” इस अभियान में स्वदेशी हथियारों और तकनीक ने अहम भूमिका निभाई। दुश्मन के क्षेत्र के भीतर तक जाकर किए गए सटीक प्रहारों ने भारतीय रक्षा क्षमता की मजबूती को विश्व पटल पर उजागर कर दिया।
स्वदेशी तकनीक ने बढ़ाया आत्मविश्वास
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि “ऑपरेशन सिंधु” इस बात का प्रमाण है कि भारत अब रक्षात्मक तकनीक में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी हथियारों से लैस हमारे फाइटर जेट्स ने जिस कुशलता से मिशन को अंजाम दिया, वह भारतीय रक्षा अनुसंधान की उपलब्धि है। उनका कहना था कि “हमारी स्वदेशी मिसाइलें और सटीक लक्ष्यभेदी प्रणाली अब विश्व की अग्रणी सेनाओं के समकक्ष हैं।”
‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ थीम पर सजा वायुसेना दिवस
इस वर्ष वायुसेना दिवस की थीम रही — ‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’, जो भारत के बढ़ते रक्षा सामर्थ्य और आत्मनिर्भरता के संकल्प को दर्शाती है। हिंडन एयरबेस पर हुए समारोह में आधुनिक फाइटर विमानों ने आकाश में तिरंगा लहराते हुए शानदार करतब दिखाए। सुखोई, राफेल और तेजस जैसे विमानों की गर्जना से पूरा आसमान गूंज उठा। इस अवसर पर वायुसेना के वीर जवानों को 97 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
वायु योद्धाओं की संस्कृति में जवाबदेही और अनुशासन
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि आज भारतीय वायुसेना में जवाबदेही, नेतृत्व और अनुशासन की संस्कृति पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा — “हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हर वायु योद्धा अब न केवल आदेशों का पालन करता है, बल्कि जिम्मेदारी और सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।” उन्होंने बताया कि नई प्रणालियों और हथियारों के एकीकरण की गति तेज हुई है और हर स्तर पर अधिकारी व सैनिक असाधारण नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रदर्शन कर रहे हैं।
“हर वायु योद्धा देश के इशारे पर जान देने को तैयार”
अपने भाषण के अंत में एयर चीफ मार्शल ने भावुक शब्दों में कहा, “मुझे गर्व है कि मैं ऐसी वायुसेना का हिस्सा हूं, जो टेक्नोलॉजी, क्षमता और साहस — तीनों में विश्व की अग्रिम सेनाओं में से एक है। हमारी वायुसेना हर संकट में देश के साथ खड़ी रही है, चाहे वह युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा या मानवीय संकट। हर वायु योद्धा देश के एक इशारे पर अपनी जान न्योछावर करने को तैयार है।”
वीरता और शौर्य को नमन
कार्यक्रम के दौरान पूर्व वायुसेना प्रमुखों, वीर चक्र विजेताओं और शहीद परिवारों को भी आमंत्रित किया गया। समारोह स्थल पर वीर योद्धाओं के सम्मान में विशेष परेड निकाली गई। इस मौके पर एयरफोर्स बैंड की धुनों पर वायुसेना के गौरवशाली इतिहास को सलाम किया गया।
जनता में उत्साह, गर्व और श्रद्धा
वायुसेना दिवस समारोह को देखने के लिए हजारों लोग हिंडन एयरबेस पहुंचे। जब राफेल और तेजस विमान ने आसमान में त्रिवर्णी ध्वज की आकृति बनाई, तो पूरा मैदान “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठा। नागरिकों में भारतीय वायुसेना के पराक्रम और आत्मनिर्भर भारत की भावना को लेकर गर्व की लहर दौड़ गई।
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