July 31, 2025 3:25 PM

“संयम की ताकत से जीता भारत”: ऑपरेशन सिंदूर, पीओके और एएमसीए पर रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

  • “हमने पहले आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया, फिर दुश्मन के सैन्य और हवाई अड्डों को

नई दिल्ली। भारत की रक्षा नीति अब सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि रणनीतिक संयम, तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर, पीओके और रक्षा क्षेत्र के नवाचार पर दिए गए अपने बयान से इस दिशा को और स्पष्ट किया।

“हम और भी कर सकते थे, लेकिन संयम ज़रूरी था”

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को याद करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “हमने पहले आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया, फिर दुश्मन के सैन्य और हवाई अड्डों को। लेकिन हम और भी कुछ कर सकते थे…”। यह वाक्य अधूरा नहीं था, बल्कि भारतीय नीति की गहराई को दर्शाता था — ‘सत्ता के साथ संयम’। सिंह ने दो टूक कहा कि भारत ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन संयम के साथ किया, जो कि एक सुपरपावर की निशानी है।

पीओके के लोगों को बताया “हमारा अपना”

रक्षा मंत्री ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोगों को “भारत का अभिन्न अंग” बताते हुए कहा कि “एक दिन वे स्वाभिमान और अपनी इच्छा से भारत की मुख्यधारा में लौटेंगे।” यह बयान महज कूटनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक था। सिंह ने स्पष्ट किया कि वहां के अधिकांश लोग भारत से जुड़ाव महसूस करते हैं, गुमराह तो केवल कुछ चेहरे हैं।

एएमसीए: भारत का पांचवीं पीढ़ी का स्वप्न

आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नींव अब केवल नारे में नहीं, टेक्नोलॉजी में बदल रही है। राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत में ही विकसित होने वाला एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) अब साकार हो रहा है। 5 प्रोटोटाइप बनेंगे, और उसके बाद बड़े पैमाने पर निर्माण होगा। खास बात यह कि इस प्रोजेक्ट में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी तय की गई है — यह रक्षा निर्माण में सरकार-निजी साझेदारी की ऐतिहासिक पहल है।

रक्षा उत्पादन और निर्यात में ऐतिहासिक छलांग

राजनाथ सिंह ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को लेकर आंकड़ों के जरिए देश की स्थिति स्पष्ट की:

  • 2014 में रक्षा निर्यात: 1,000 करोड़ रु से भी कम
  • 2024-25 में रक्षा निर्यात: 23,500 करोड़ रु
  • कुल रक्षा उत्पादन: 1,46,000 करोड़ रु
  • निजी क्षेत्र का योगदान: 32,000 करोड़ रु से अधिक

भारत अब केवल मिसाइल या विमान नहीं, बल्कि सिस्टम, सब-सिस्टम, कंपोनेंट्स और रक्षा सेवाएं भी दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रहा है।

नई युद्ध तकनीकों में भारत की दस्तक

भारत अब सिर्फ युद्ध नहीं, युद्ध की परिभाषा बदलने की ओर अग्रसर है। सिंह ने कहा कि भारत AI, साइबर डिफेंस, ड्रोन और स्पेस सिक्योरिटी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में तेजी से निवेश कर रहा है। इसका अर्थ है कि भविष्य के युद्धों में भारत न केवल सक्षम, बल्कि निर्णायक भूमिका में होगा।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram