भारत की बेटियों का कमाल: महिला टीम ने वर्ल्ड कप जीत के साथ बनाए कई बड़े रिकॉर्ड
नवी मुंबई, 3 नवंबर (हि.स.)।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर इतिहास रच दिया। यह भारत की पहली महिला वनडे विश्व कप जीत थी। इस ऐतिहासिक जीत के साथ न केवल टीम इंडिया ने ट्रॉफी अपने नाम की, बल्कि कई ऐसे विश्व रिकॉर्ड भी बनाए जो आने वाले वर्षों तक याद रखे जाएंगे। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि महिला क्रिकेट में अब भारत एक अजेय ताकत बन चुका है।
भारत अब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बाद 50 ओवर के महिला विश्व कप का खिताब जीतने वाला चौथा देश बन गया है।
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स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी का जलवा
भारत की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना इस वर्ल्ड कप में भारत की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरीं। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार निरंतरता दिखाते हुए 434 रन बनाए और मिताली राज का 2017 वर्ल्ड कप में बनाए गए 409 रन का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्मृति ने जेमिमा रोड्रिग्स के साथ मिलकर 167 रनों की साझेदारी की, जो वर्ल्ड कप नॉकआउट इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी बनी। इसी मैच में भारत ने 339 रन का लक्ष्य हासिल किया — जो महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा सफल रनचेज़ है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल की 212 रनों की ओपनिंग साझेदारी भारत की विश्व कप इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी बन गई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों ने 155 रन की ओपनिंग साझेदारी कर वनडे इतिहास में नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया।
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स्मृति ने इस वर्ल्ड कप में कई मील के पत्थर हासिल किए —
- वनडे क्रिकेट में 5000 रन पूरे करने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनीं।
- यह उपलब्धि उन्होंने सबसे तेज़ (112 पारियों में) और सबसे कम उम्र (29 वर्ष) में हासिल की।
- बनीं दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर, जिसने एक कैलेंडर वर्ष में 1000 रन बनाए।
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1000 रन पूरे करने वाली सबसे तेज़ भारतीय (21 पारियों में)।
ऋचा घोष का निचले क्रम से धमाका
टीम इंडिया की युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष ने फाइनल सहित पूरे टूर्नामेंट में निर्णायक भूमिका निभाई। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 94 रन की तूफानी पारी खेली, जो महिला वनडे में नंबर 8 या उससे नीचे बल्लेबाजी करने वाली खिलाड़ी का सबसे बड़ा स्कोर है।
यह पारी भारतीय विकेटकीपर द्वारा खेले गए सबसे बड़े वर्ल्ड कप स्कोर के रूप में दर्ज हो गई।
स्नेह राणा के साथ ऋचा की 88 रन की साझेदारी भारत की 8वें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी बन गई, और यह विश्व कप इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी 8वें विकेट की साझेदारी भी रही।
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ऋचा की यह पारी भारतीय क्रिकेट के बदलते तेवरों का प्रतीक बनी — जहां अब निचले क्रम से भी मुकाबले को पलटने की क्षमता विकसित हो चुकी है।
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दीप्ति शर्मा: ऑलराउंडर की मिसाल
भारत की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने इस टूर्नामेंट में अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों से शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 22 विकेट लेकर एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली भारतीय गेंदबाज का रिकॉर्ड बनाया।
दीप्ति बनीं पहली ऐसी क्रिकेटर (पुरुष या महिला), जिन्होंने किसी वर्ल्ड कप में 200 से अधिक रन और 20 से अधिक विकेट दोनों लिए हों।
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 58 रन की पारी खेलने के साथ 5 विकेट (5/39) चटकाए। वह वर्ल्ड कप इतिहास की पहली क्रिकेटर बन गईं जिन्होंने किसी नॉकआउट मैच में फिफ्टी और पांच विकेट दोनों लिए।
दीप्ति को टूर्नामेंट के अंत में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
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टीम इंडिया की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ
- भारत ने ऑस्ट्रेलिया की 15 मैचों की अजेय वर्ल्ड कप श्रृंखला को समाप्त किया। यह 2017 के बाद ऑस्ट्रेलिया की पहली हार थी।
- दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने छठे विकेट के बाद 149 रन जोड़े — यह महिला वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे अधिक है।
- फाइनल में बनाए गए 298 रन, भारत के किसी वर्ल्ड कप फाइनल में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहे।
- भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर बनीं पहली भारतीय कप्तान, जिन्होंने टीम को किसी भी ICC टूर्नामेंट का खिताब दिलाया।
भारतीय महिला क्रिकेट का स्वर्ण युग शुरू
भारत की यह जीत केवल एक वर्ल्ड कप नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट के लिए एक “सुनहरा अध्याय” है। स्मृति मंधाना की स्थिरता, दीप्ति शर्मा की हरफनमौला क्षमता, ऋचा घोष की साहसी बल्लेबाजी और हरमनप्रीत कौर की नेतृत्व क्षमता ने टीम इंडिया को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।
अब भारतीय महिला क्रिकेट केवल सपनों का नहीं, बल्कि विश्व क्रिकेट की वास्तविक शक्ति बन चुकी है।
यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और भारत के क्रिकेट इतिहास में “2025” हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।
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