महिला विश्व कप फाइनल : भारत और दक्षिण अफ्रीका में खिताबी जंग रविवार को, मिलेगा नया विश्व चैंपियन

नई दिल्ली।
महिला क्रिकेट के इतिहास में रविवार का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। 2025 महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें आमने-सामने होंगी। यह मुकाबला मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा। इस बार इतिहास इसलिए भी खास है, क्योंकि यह पहला मौका है जब न तो ऑस्ट्रेलिया और न इंग्लैंड फाइनल में पहुंच पाए हैं। यानी अब दुनिया को एक नया महिला विश्व चैंपियन मिलेगा।

भारत का संघर्ष और वापसी की कहानी

भारत की टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत उतार-चढ़ाव भरे प्रदर्शन के साथ की थी। लीग चरण में लगातार तीन हार झेलने के बाद टीम पर दबाव बढ़ गया था, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना ने मिलकर टीम को फिर से संभाला। न्यूजीलैंड पर मिली जीत ने आत्मविश्वास लौटाया और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने असंभव को संभव कर दिखाया — 339 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की।

वहीं दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका का अभियान अपेक्षाकृत स्थिर रहा। टीम ने पांच जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ मात्र 69 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 97 रनों पर ढहने से उनकी बल्लेबाजी की कमजोरियां उजागर हुईं, लेकिन निर्णायक मुकाबलों में उन्होंने मजबूत वापसी की।

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ओपनिंग जोड़ी पर निगाहें

भारत की स्मृति मंधाना और युवा शैफाली वर्मा पर निगाहें टिकी रहेंगी। मंधाना ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार लय दिखाई है और सेमीफाइनल में 124 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी। शैफाली पिछले मैच में बड़ी पारी नहीं खेल पाईं, लेकिन फाइनल जैसे मंच पर उनके आक्रामक खेल की भूमिका अहम होगी।

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट और टैजमिन ब्रिट्स की ओपनिंग जोड़ी भी बेहतरीन फॉर्म में है। दोनों ने मिलकर इस साल 1100 से ज्यादा रन बनाए हैं। हालांकि वोल्वार्ड्ट के सामने भारतीय स्पिनर बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं, क्योंकि वह स्पिन गेंदबाज़ी के खिलाफ अपेक्षाकृत धीमी बल्लेबाज़ी करती हैं।

कप्प की घातक गेंदबाजी बनाम मंधाना का आत्मविश्वास

दक्षिण अफ्रीका की अनुभवी ऑलराउंडर मारिजने कप्प टूर्नामेंट की सबसे सटीक गेंदबाज़ों में से एक हैं। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने नई गेंद से शानदार स्पेल डालकर विरोधी टीम की रीढ़ तोड़ दी थी। कप्प की इकोनॉमी रेट मात्र 3.81 रही है और वह अब तक 15 विकेट ले चुकी हैं।

हालांकि, स्मृति मंधाना का उनके खिलाफ रिकॉर्ड काफी अच्छा है। मंधाना ने खाका और कप्प जैसी गेंदबाजों पर पहले भी दबाव बनाया है। आंकड़े बताते हैं कि खाका के खिलाफ मंधाना ने 158 गेंदों में 156 रन बनाए हैं और केवल दो बार आउट हुई हैं। ऐसे में मंधाना की फॉर्म दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है।

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भारतीय स्पिनर्स बनाम लौरा वोल्वार्ड्ट

भारतीय टीम की रणनीति साफ है — दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट को जितना जल्दी आउट किया जाए, उतना बेहतर। दीप्ति शर्मा, राधा यादव और चारनी की स्पिन तिकड़ी ने वोल्वार्ड्ट को हमेशा परेशान किया है। वोल्वार्ड्ट ने इन तीनों के खिलाफ अब तक 267 गेंदों में सिर्फ 10 चौके लगाए हैं, जो बताता है कि वे भारतीय स्पिन के सामने उतनी सहज नहीं हैं।

यदि भारतीय स्पिन अटैक अपनी सटीकता बनाए रखता है, तो दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी पर अंकुश लगाना मुश्किल नहीं होगा।

फील्डिंग बनेगी निर्णायक पहलू

फाइनल मुकाबले में फील्डिंग बड़ा कारक साबित हो सकती है। भारत की टीम का यह पहलू अब तक चिंता का विषय रहा है। 2024 से अब तक भारतीय टीम ने 35 मैचों में 78 कैच छोड़े हैं, जो किसी भी शीर्ष टीम की तुलना में सबसे खराब आंकड़ा है। इस टूर्नामेंट में भी टीम ने अब तक 18 कैच और तीन स्टंपिंग मौके गंवाए हैं।

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने सेमीफाइनल के बाद माना था कि फाइनल में फील्डिंग पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि “ऐसे मुकाबलों में गिरा हुआ एक कैच पूरी बाज़ी पलट सकता है।”

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मौका इतिहास रचने का

भारत ने अब तक महिला वनडे विश्व कप का खिताब नहीं जीता है। 2005 और 2017 में टीम फाइनल तक पहुंची थी, लेकिन खिताब से चूक गई। इस बार टीम के पास इतिहास बदलने का सुनहरा अवसर है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका भी पहली बार खिताबी मुकाबले में उतर रही है और अपने देश के लिए पहली विश्व कप ट्रॉफी जीतने के इरादे से मैदान पर उतरेगी।

रविवार को जब मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, तो यह केवल एक क्रिकेट मैच नहीं होगा — यह महिला क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत होगी। भारत और दक्षिण अफ्रीका में से कोई एक टीम विश्व क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराएगी।