भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बनी सहमति, ट्रंप की डेडलाइन से पहले हो सकता है औपचारिक एलान
- ट्रंप प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि नौ जुलाई के बाद वैश्विक टैरिफ से किसी को राहत नहीं मिलेगी
नई दिल्ली । भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित व्यापार समझौते को लेकर अहम सहमति बन गई है। समझा जा रहा है कि इस ऐतिहासिक समझौते की औपचारिक घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा निर्धारित नौ जुलाई की समयसीमा से ठीक एक दिन पहले आठ जुलाई को हो सकती है। वर्तमान समय में अमेरिका और विश्व के कई देशों के बीच व्यापार टैरिफ को लेकर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि नौ जुलाई के बाद वैश्विक टैरिफ से किसी को राहत नहीं मिलेगी। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच यह सहमति वैश्विक व्यापार के लिए राहत की खबर हो सकती है। इस बहुप्रतीक्षित समझौते के लिए भारत की ओर से विशेष सचिव (वाणिज्य विभाग) राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों वॉशिंगटन में अमेरिका के व्यापार अधिकारियों के साथ अंतिम दौर की बातचीत में जुटा है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है।
क्या है ट्रंप की चेतावनी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया था कि वे नौ जुलाई के बाद व्यापार टैरिफ पर दी गई 90 दिनों की अस्थायी राहत को आगे नहीं बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा था कि अमेरिका अब सभी देशों के साथ “व्यवहार के आधार” पर टैरिफ नीति लागू करेगा। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कौन-सा देश हमें अच्छा या बुरा ट्रीट करता है। कुछ देशों से फर्क नहीं पड़ता, उन्हें बस ज्यादा टैक्स देना होगा। हम उन्हें पत्र भेजेंगे जिसमें साफ लिखा होगा कि यदि आप अमेरिका में कारोबार करना चाहते हैं तो 10, 25, 35 या 50 फीसदी तक टैरिफ देना होगा।”
भारत के लिए क्यों है यह समझौता अहम?
भारत के लिए यह व्यापार समझौता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में कई बार तनाव देखने को मिला है। विशेष रूप से आयात-निर्यात पर शुल्क, डेटा लोकलाइजेशन, ई-कॉमर्स नियम और कृषि उत्पादों को लेकर मतभेद रहे हैं। हालांकि, बीते महीनों में दोनों देशों ने विभिन्न स्तरों पर लगातार बातचीत कर इन बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया। यदि यह समझौता सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह भारत के निर्यातकों के लिए नए अवसर खोलेगा और अमेरिका के साथ आर्थिक साझेदारी को और मजबूती देगा।
वैश्विक नजरिए से असर
ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति को लेकर कई देशों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यदि अमेरिका भारत के साथ समझौता कर लेता है, तो यह अन्य देशों के लिए भी एक संकेत हो सकता है कि अमेरिका चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय समझौतों के जरिए टैरिफ संकट को टाल सकता है।
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