भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द होगा तय: दोहा में बोले पीयूष गोयल, 2030 तक 500 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य
लक्ष्य — 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना
नई दिल्ली / दोहा। भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक वार्ताओं को लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अमेरिका बल्कि ओमान, यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड और यूरेशिया जैसे देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है।
गोयल ने यह बयान कतर की राजधानी दोहा में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान दिया, जहाँ वे भारत-कतर के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे।
भारत ने एक्सपोर्ट करने के लिए अमेरिका के अल्टरनेट देश ढूंढ़कर तेजी से उनके साथ FTA किए है।
— Baliyan (@Baliyan_x) October 1, 2025
यूरोप के चार महत्वपूर्ण देशों के साथ ट्रेड समझौता भी उसी दिशा में है।
और यही कारण भी है की ट्रम्प के बड़े टैरिफ़ झटके के बावजूद अपनी GDP ग्रोथ इंटैक्ट रहेगी। pic.twitter.com/t0NgdRCY0k
“भारत अब विकसित देशों के साथ जुड़ रहा है” – पीयूष गोयल
मंत्री गोयल ने कहा कि भारत की विदेश व्यापार नीति अब नए आयाम ले रही है। उन्होंने स्पष्ट किया —
“आज भारत ओमान, यूरोपीय संघ, अमेरिका, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड, यूरेशिया और कई अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर चर्चा कर रहा है। इन सभी देशों ने भारत के साथ गहराई से आर्थिक सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है।”
उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ विकासशील देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ समान स्तर पर आर्थिक साझेदारी स्थापित कर रहा है।

न्यूयॉर्क में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
पिछले महीने पीयूष गोयल ने न्यूयॉर्क में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के लिए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उस बैठक के बाद दोनों देशों ने निर्णय लिया कि वे “परस्पर लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA)” पर शीघ्र निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखेंगे।
बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर रचनात्मक चर्चा हुई, जिसमें कृषि उत्पादों पर शुल्क, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, ऊर्जा सुरक्षा, और सेवा क्षेत्र से जुड़े मुद्दे शामिल थे।
गोयल ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (USTR) जेमीसन ग्रीर और भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से भी मुलाकात की।
व्यापारिक तनाव के बीच अहम वार्ता
यह वार्ता ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क और 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया था।
वर्तमान में अमेरिका भारतीय माल पर लगभग 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क वसूलता है।
इन शुल्कों के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हुए हैं। फरवरी 2025 में दोनों देशों के नेताओं ने अपने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर औपचारिक बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया था।
अब तक पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है और समझौते के पहले चरण को 2025 की शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) तक पूरा करने की योजना है।
व्यापारिक लक्ष्य : 2030 तक 500 अरब डॉलर
भारत और अमेरिका दोनों का लक्ष्य है कि आगामी पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए।
इस समझौते के तहत न केवल वस्तु व्यापार बल्कि डिजिटल सेवाएं, सेमीकंडक्टर निर्माण, फार्मा उद्योग और हरित ऊर्जा सहयोग जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
भारत इस समझौते के ज़रिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ रणनीति को मज़बूती देना चाहता है, वहीं अमेरिका इसे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने विश्वसनीय व्यापारिक भागीदारों के नेटवर्क को विस्तार देने के अवसर के रूप में देख रहा है।
अमेरिका – भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा, जिसमें से 86.5 अरब डॉलर भारतीय निर्यात और 45.34 अरब डॉलर आयात था।
- भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18% है।
- आयात में 6.22% और
- कुल व्यापार में 10.73% की हिस्सेदारी दर्ज की गई।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि अमेरिका भारत की व्यापारिक रणनीति का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

अन्य देशों के साथ भी तेज़ी से बढ़ रही FTA वार्ता
पीयूष गोयल ने बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ सफल मुक्त व्यापार समझौते किए हैं।
अब भारत की कोशिश है कि ओमान, यूरोपीय संघ, चिली, पेरू और न्यूजीलैंड जैसे देशों के साथ भी इसी प्रकार के समझौते जल्द पूरे किए जाएँ।
इन समझौतों से भारत को निर्यात बाजारों का विविधीकरण करने में मदद मिलेगी और देश की उद्योगिक क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का अवसर मिलेगा।
भारत-कतर व्यापार सहयोग पर विशेष फोकस
दोहा यात्रा के दौरान गोयल ने कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों से भी मुलाकात की। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, निवेश और बुनियादी ढांचा विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई।
गोयल ने कहा कि भारत और कतर के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए दोनों पक्ष ठोस योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
भारत का उद्देश्य अब स्पष्ट है — विकसित और विकासशील दोनों ही देशों के साथ समान स्तर का आर्थिक सहयोग स्थापित करना।
पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारत की व्यापारिक नीति “आत्मनिर्भर भारत” के सिद्धांत पर आधारित है, जो न केवल घरेलू उद्योगों को मजबूत करती है, बल्कि वैश्विक साझेदारी का भी विस्तार करती है।
आने वाले महीनों में यदि भारत और अमेरिका के बीच यह समझौता तय होता है, तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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