भारत काबुल में फिर खोलेगा दूतावास, विदेश मंत्री जयशंकर ने तालिबानी मंत्री मुताकी से मुलाकात के बाद की घोषणा


काबुल में दूतावास खोलेगा भारत, विदेश मंत्री जयशंकर की बड़ी घोषणा

नई दिल्ली। भारत ने लगभग चार साल बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलने की घोषणा की है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी के साथ नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई बैठक के बाद यह ऐलान किया।

यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की पुनर्स्थापना की दिशा में बड़ा संकेत माना जा रहा है। 2021 में तालिबान शासन की वापसी के बाद भारत ने काबुल से अपना राजनयिक मिशन बंद कर दिया था, पर अब परिस्थितियों के मद्देनजर भारत फिर से सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में है।


🤝 अफगानिस्तान की संप्रभुता का भारत ने किया समर्थन

बैठक में जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा से अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अफगानिस्तान के लोगों के मानवीय, आर्थिक और सामाजिक विकास में भागीदारी जारी रखेगा।

“भारत अफगानिस्तान के लोगों का सच्चा साथी रहा है और आगे भी रहेगा,” — विदेश मंत्री एस. जयशंकर

जयशंकर ने बताया कि भारत अफगानिस्तान को 20 नई एंबुलेंस देने जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।


🕊️ आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई की अपील

विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद आज केवल किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझा रणनीति की आवश्यकता पर जोर दिया।

“भारत आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है,” जयशंकर ने कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ चल रही वैश्विक लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई है, और अफगानिस्तान ने भी हाल के वर्षों में पहलगाम हमले की निंदा कर भारत के प्रति एकजुटता दिखाई थी।


🏗️ अफगानिस्तान के विकास में भारत की भूमिका

जयशंकर ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान को अब तक कई रूपों में सहायता दी है —

  • खाद्यान्न और दवाओं की आपूर्ति
  • शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण परियोजनाएं
  • सामाजिक-आर्थिक पुनर्निर्माण में सहयोग

उन्होंने कहा कि भारत अब अफगानिस्तान में रुके हुए विकास कार्यों को फिर से शुरू करने को तैयार है। यह सहयोग केवल सरकारों के बीच नहीं, बल्कि लोगों के बीच विश्वास और साझेदारी का प्रतीक है।

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🌏 भारत की कूटनीतिक वापसी का संकेत

अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि काबुल में दूतावास खोलने का यह निर्णय भारत की कूटनीतिक पुनर्स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब तक केवल रूस और पाकिस्तान जैसे देशों के दूतावास अफगानिस्तान में सक्रिय थे। भारत का कदम अफगानिस्तान में स्थिरता और पुनर्निर्माण की दिशा में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।


📜 निष्कर्ष

भारत का यह निर्णय दक्षिण एशिया में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के बीच रणनीतिक संतुलन बनाए रखने का संकेत है। यह न केवल कूटनीतिक पहल है बल्कि भारत की उस नीति का विस्तार भी है, जिसमें वह हर परिस्थिति में अफगान जनता के साथ खड़ा रहने की बात दोहराता है।