पंजाब प्रांत के 24 शहरों और उनमें रहने वाले करीब 3 करोड़ लोगों पर पड़ने की आशंका है
श्रीनगर । भारत ने जम्मू-कश्मीर स्थित सियाल और बगलिहार बांध के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे पाकिस्तान की ओर बहने वाला चिनाब नदी का पानी अचानक घट गया है। बीते 24 घंटों में चिनाब का जलस्तर पाकिस्तान में 22 फीट से गिरकर 15 फीट रह गया है। इसका सीधा असर पंजाब प्रांत के 24 शहरों और उनमें रहने वाले करीब 3 करोड़ लोगों पर पड़ने की आशंका है।
चिनाब के सूखते ही पाकिस्तान में पेयजल और सिंचाई संकट
पाकिस्तान के फैसलाबाद, हाफिजाबाद जैसे शहरों की 80% आबादी पीने के पानी के लिए चिनाब पर निर्भर है। सिंधु जल प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि भारत के इस कदम से खरीफ की फसलों के लिए सिंचाई जल में 21% तक की कमी हो सकती है। इसका सीधा असर न केवल कृषि बल्कि पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका पर भी पड़ सकता है।
सिंधु जल समझौते पर भारत का सख्त रुख
भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद 1960 के सिंधु जल समझौते को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया है। इस समझौते के अंतर्गत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का उपयोग जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब का जल उपयोग करने की अनुमति थी। अब भारत ने चिनाब का जल प्रवाह रोककर एक स्पष्ट संदेश दिया है— अब आतंकी हमलों के जवाब सिर्फ कूटनीतिक या सैन्य स्तर पर ही नहीं, जल नीति के ज़रिए भी दिए जाएंगे।
बिजली और औद्योगिक उत्पादन भी संकट में
चिनाब नदी पर पाकिस्तान के कई हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट संचालित होते हैं। जल प्रवाह में कमी से बिजली उत्पादन घटेगा, जिससे औद्योगिक इकाइयों, अस्पतालों, और सार्वजनिक सेवाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
कूटनीतिक संदेश: आतंकवाद का खामियाजा पानी से चुकाओ
भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान के लिए चेतावनी है, बल्कि वैश्विक मंच पर यह संदेश भी देता है कि सिर्फ गोली से नहीं, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता को रणनीतिक हथियार में बदला जा सकता है।
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