October 15, 2025 9:03 PM

भारत-रूस रिश्तों पर विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान : अमेरिकी टैरिफ और रूसी तेल पर दिया स्पष्ट संदेश

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भारत-रूस रिश्तों पर जयशंकर का बड़ा बयान: अमेरिकी टैरिफ के बीच तेल खरीद जारी रखने का ऐलान

नई दिल्ली/मॉस्को। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और उसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के ऊर्जा और व्यापार से जुड़े रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने साफ कहा कि भारत रूस से कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, बल्कि चीन सबसे बड़ा खरीदार है। वहीं, प्राकृतिक गैस (LNG) खरीद में यूरोपीय संघ (EU) अग्रणी है। जयशंकर ने यह भी कहा कि रूस से तेल और गैस की खरीद पर भारत को अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि वास्तविकता कुछ और है।

अमेरिका का दबाव और 25% अतिरिक्त टैरिफ

जयशंकर की रूस यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। ट्रम्प का आरोप है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने से रूस को यूक्रेन युद्ध लड़ने में मदद मिल रही है। जयशंकर ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि जब कई अन्य देश रूस से ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, तब सिर्फ भारत पर दबाव डालना किसी भी तरह से उचित नहीं है।

भारत-रूस व्यापार संतुलन पर सहमति

जयशंकर और लावरोव की बैठक में दोनों देशों ने व्यापार घाटा कम करने पर जोर दिया। भारत ने कहा कि रूस को अब कृषि उत्पादों, दवाओं और कपड़ों का आयात बढ़ाना चाहिए, जिससे व्यापार में संतुलन आए। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि नॉन-टैरिफ रुकावटों और रेगुलेशन संबंधी दिक्कतों को जल्द दूर किया जाएगा, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार सुगम हो सके।

भारत को मिल रही है रूसी तेल पर छूट

बैठक से एक दिन पहले रूस के राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने कहा था कि भारत को रूसी तेल पर करीब 5% की छूट मिल रही है, और यह भारत के लिए आर्थिक रूप से बहुत लाभदायक है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस से मिलने वाले सस्ते कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं है। भारत ने भी साफ कर दिया है कि अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को देखते हुए वह रूस से तेल खरीद जारी रखेगा, चाहे बाहरी दबाव कितना भी हो।

भारत-रूस ऊर्जा सहयोग के आंकड़े

यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से केवल 0.2% (लगभग 68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल आयात करता था। लेकिन मई 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) तक पहुंच गया। वर्ष 2025 में जनवरी से जुलाई के बीच भारत ने प्रतिदिन 17.8 लाख बैरल तेल रूस से खरीदा। लगातार दो वर्षों से भारत हर साल 130 अरब डॉलर से अधिक का रूसी तेल खरीद रहा है। चीन के बाद भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।

भारतीयों की रिहाई का मुद्दा उठा

जयशंकर ने रूस में सेना में काम कर रहे भारतीयों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि कई भारतीयों को रिहा किया जा चुका है, लेकिन कुछ मामले अभी भी लंबित हैं। इस पर रूस ने भरोसा दिलाया कि इन मामलों पर संवेदनशीलता से कार्रवाई की जाएगी।

वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा

भारत और रूस ने यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया की स्थिति और अफगानिस्तान पर भी बातचीत की। जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा शांति, संवाद और कूटनीतिक प्रयासों के पक्ष में है। भारत का मानना है कि युद्ध किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता।

जयशंकर की रूस यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने ऊर्जा हितों से समझौता नहीं करेगा। अमेरिका के दबाव और अतिरिक्त टैरिफ के बावजूद भारत रूस से तेल खरीद जारी रखेगा। साथ ही भारत-रूस व्यापार को और संतुलित करने और नॉन-टैरिफ बाधाओं को हटाने की दिशा में भी दोनों देश मिलकर काम करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई है।



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