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April 25, 2025 7:37 AM

अमेरिकी अखबार के लेख में भारत पर आरोप, सरकार ने खंडन किया भारत की सरकारी कंपनी ने रूस को नहीं भेजे रक्षा उपकरण

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने सोमवार को एक अमेरिकी अखबार में प्रकाशित एक लेख का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने संभवतः रूस के रोसोबोरोन एक्सपोर्ट को “ब्रिटिश संवेदनशील उपकरण भेजे हैं,” जिन पर यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। भारत सरकार ने इस लेख को तथ्यों के विपरीत और भ्रामक बताया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमने न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट देखी है। उक्त रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। इसने राजनीतिक आख्यान के अनुरूप मुद्दों को गढ़ने और तथ्यों को विकृत करने का प्रयास किया है।” मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह लेख तथ्यों को विकृत कर प्रकाशित किया गया है और यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, “रिपोर्ट में उल्लिखित भारतीय इकाई (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड – एचएएल) ने रणनीतिक व्यापार नियंत्रण और अंतिम उपयोगकर्ता प्रतिबद्धताओं के संबंध में अपने सभी अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन किया है।”

भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय कंपनियां और सरकारी संस्थाएं किसी भी विदेशी व्यापारिक समझौतों में अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पालन करती हैं, और भारत का कानूनी और नियामक ढांचा सुनिश्चित करता है कि रणनीतिक व्यापार से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जाए।

इस मामले में एएनआई के हवाले से विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, “रणनीतिक व्यापार पर भारत का मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा इसकी कंपनियों द्वारा विदेशी वाणिज्यिक उपक्रमों का मार्गदर्शन करता है। हम उम्मीद करते हैं कि प्रतिष्ठित मीडिया आउटलेट्स ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले बुनियादी सावधानी बरतेंगे, जिसे इस मामले में स्पष्ट रूप से नजरअंदाज कर दिया गया।”

भारत सरकार ने अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचार पत्र द्वारा इस प्रकार की रिपोर्ट प्रकाशित करने पर चिंता व्यक्त की है, जिसमें भारतीय रक्षा उपकरणों को गलत तरीके से पेश किया गया है और इस प्रकार की रिपोर्टों का उद्देश्य भारत और रूस के संबंधों को लेकर गलत संदेश देना हो सकता है।

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