नई दिल्ली। भारत और कतर के बीच मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के बीच महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस बैठक में कुल सात समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापार को 2030 तक दोगुना कर 28 अरब डॉलर तक पहुंचाने का भी निर्णय लिया। वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार 14 अरब डॉलर है।
भारत और कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी
भारत और कतर के बीच हुई वार्ता में निवेश, वाणिज्य और ऊर्जा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया। कतर के भारतीय पोर्ट में निवेश बढ़ाने और दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने यह निर्णय लिया कि वे 2030 तक अपने आपसी व्यापार को दोगुना करके 28 अरब डॉलर तक पहुंचाएंगे, जो मौजूदा स्तर से काफी अधिक है।
मध्य-पूर्व के मुद्दों पर चर्चा
वार्ता के दौरान, दोनों देशों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। खासकर मध्य-पूर्व की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। विशेष रूप से, इज़राइल-हमास संघर्ष को लेकर भारत और कतर के बीच अपने-अपने रुख साझा किए गए। भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति को स्पष्ट किया, वहीं कतर ने भी अपने दृष्टिकोण को रखा। यह चर्चा दोनों देशों के बीच एक गहरी साझेदारी को दर्शाती है, जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
कतर में भारतीय नागरिकों की स्थिति
कतर में भारतीय नागरिकों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। कतर में भारतीय राजदूत ने बताया कि अब तक 95 भारतीयों को कतर सरकार की ओर से क्षमादान प्राप्त हो चुका है। वहीं, कतर में करीब 600 भारतीय नागरिक जेल में बंद हैं। इस मामले पर भी भारत और कतर के बीच विचार-विमर्श हुआ, और भविष्य में इस मुद्दे पर और अधिक सहयोग की संभावना जताई गई।
भारत और कतर की भविष्यवाणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों में और भी मजबूती लाने का संकेत है। कतर की यात्रा के दौरान हुए समझौतों से दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, व्यापार, ऊर्जा, निवेश, और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समझौता
भारत और कतर ने संयुक्त रूप से कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों देशों ने अपने संबंधों को और अधिक मजबूती देने का संकल्प लिया और साझा सुरक्षा, समृद्धि, और विकास की दिशा में सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया।
समझौतों का सारांश
- व्यापार को दोगुना करना - 2030 तक भारत और कतर का व्यापार 28 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य।
- साझेदारी और निवेश - कतर में भारतीय पोर्ट में निवेश बढ़ाने पर सहमति।
- मध्य-पूर्व और वैश्विक मुद्दों पर विचार - इज़राइल-हमास संघर्ष और अन्य क्षेत्रीय विवादों पर चर्चा।
- भारतीय नागरिकों का सवाल - कतर में भारतीय नागरिकों के बारे में चर्चा, 95 भारतीयों को क्षमादान और 600 भारतीयों की स्थिति पर विचार।
भारत और कतर के बीच यह वार्ता दोनों देशों के संबंधों को एक नई दिशा देने का कार्य करेगी। व्यापार, निवेश, ऊर्जा, और सामरिक साझेदारी के लिए किए गए समझौते भविष्य में दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे, साथ ही वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
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