August 1, 2025 12:13 PM

भारत बना दुनिया का नंबर-1 डिजिटल पेमेंट देश, UPI की सफलता ने रचा नया इतिहास

upi-payment-speed-update-npci-new-rule-june-2025

हर महीने 1800 करोड़ से अधिक लेन-देन, 85% डिजिटल ट्रांजैक्शन UPI के जरिए

भारत बना दुनिया का नंबर-1 डिजिटल पेमेंट देश, UPI से हर महीने 1800 करोड़ लेन-देन

नई दिल्ली।
भारत ने तेज़ और सुरक्षित डिजिटल भुगतान प्रणाली में दुनिया भर में पहला स्थान हासिल कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यह उपलब्धि भारत को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की वजह से मिली है, जो आज देश के करोड़ों लोगों के लिए सबसे सहज और भरोसेमंद लेन-देन का माध्यम बन चुका है।


2016 में शुरू हुआ UPI, बना हर भारतीय की जरूरत

2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा शुरू किया गया UPI आज हर छोटे-बड़े दुकानदार से लेकर आम नागरिकों तक के जीवन का हिस्सा बन गया है। इस प्रणाली के तहत लोग एक ही मोबाइल एप्लिकेशन से कई बैंक खातों को जोड़कर केवल कुछ सेकंड में सुरक्षित और कम लागत वाले लेन-देन कर सकते हैं।

upi-sixteen_nine

हर महीने 1800 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन

NPCI के आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 में UPI से 1,839 करोड़ ट्रांजैक्शन के ज़रिए 24.03 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। पिछले वर्ष जून 2024 में यह संख्या 1,388 करोड़ थी, जिससे यह स्पष्ट है कि एक साल में UPI के माध्यम से ट्रांजैक्शन में 32% की वृद्धि दर्ज की गई है।


भारत में 85% डिजिटल भुगतान UPI से

भारत में वर्तमान में 85% डिजिटल लेन-देन UPI के माध्यम से हो रहे हैं। इस प्लेटफॉर्म से 49.1 करोड़ उपयोगकर्ता, 6.5 करोड़ व्यापारी, और 675 बैंक जुड़े हुए हैं। यह केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांव-गांव तक इसका प्रसार हो चुका है। UPI ने देश को कैश और कार्ड आधारित प्रणाली से हटाकर डिजिटल भुगतान की ओर मजबूती से बढ़ाया है।


विदेशों में भी बज रहा UPI का डंका

भारत की सीमाओं से बाहर भी UPI का विस्तार हो रहा है। अब तक सात देशों—संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस—में यह सेवा शुरू हो चुकी है। फ्रांस में UPI की शुरुआत को यूरोप में भारत के डिजिटल विस्तार की पहली बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इससे विदेश यात्रा या प्रवास कर रहे भारतीयों के लिए भुगतान करना अब पहले से कहीं ज्यादा सरल हो गया है।


आसान, सुरक्षित और तेज: UPI की खासियत

UPI का इस्तेमाल करने के लिए उपयोगकर्ता को एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाना होता है, जो उनके बैंक खाते से जुड़ा होता है। इसके बाद बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड, या अन्य जटिल जानकारी याद रखने की जरूरत नहीं होती। सिर्फ मोबाइल नंबर, UPI आईडी, ईमेल या आधार नंबर के जरिए पैसा भेजा जा सकता है।

यह प्रणाली न केवल पैसे भेजने और मंगवाने, बल्कि बिजली-पानी के बिल भुगतान, ऑनलाइन शॉपिंग, रिचार्ज, और खरीदारी जैसे सभी डिजिटल कार्यों में भी इस्तेमाल की जा रही है।


डिजिटल क्रांति की मिसाल बना भारत

PIB के अनुसार, यह केवल आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत डिजिटल व्यवस्था और कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हो रहा है। UPI ने छोटे दुकानदारों, ग्रामीण इलाकों के नागरिकों और आम जनता को भी डिजिटल इकॉनॉमी से जोड़ने का मजबूत माध्यम बनाया है।

UPI की सफलता ने भारत को तकनीकी नवाचार और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित कर दिया है।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram