नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सुरक्षा मोर्चे पर एक और बड़ा कदम उठाया है। ऐसे समय में जब पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा हुआ है, भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफल परीक्षण कर देश की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत कर दिया है। इस तकनीक के सफल परीक्षण को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
क्या है मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन?
MIGM एक अत्याधुनिक समुद्री बारूदी सुरंग प्रणाली है, जिसे DRDO के विशाखापत्तनम स्थित नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लैबोरेटरी (NSTL) द्वारा विकसित किया गया है। इसका डिजाइन ऐसा है कि यह दुश्मन के स्टील्थ जहाजों और पनडुब्बियों को चुपचाप निशाना बना सकती है। MIGM पारंपरिक माइनिंग सिस्टम से कहीं ज्यादा एडवांस है क्योंकि यह एक साथ कई प्रकार के सेंसर और डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीक का इस्तेमाल करती है।
कैसे काम करती है यह प्रणाली?
- यह माइन समुद्र तल पर बिछाई जाती है और खुद को दुश्मन से छुपा लेने में सक्षम होती है।
- इसके सेंसर जल में होने वाली कंपन, चुंबकीय प्रभाव, ध्वनि और दबाव में बदलाव को पहचान कर निर्णय लेते हैं कि हमला करना है या नहीं।
- डिजिटल लॉजिक प्रोग्रामिंग से लैस यह माइन केवल खास लक्ष्यों को ही ट्रिगर करती है, जिससे अनावश्यक विस्फोट से बचा जा सके।
- इसे कम गहराई वाले तटवर्ती इलाकों से लेकर गहरे समुद्र तक प्रभावी ढंग से तैनात किया जा सकता है।
- इसका निर्माण अब भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), विशाखापत्तनम और अपोलो माइक्रोसिस्टम्स लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
क्यों खास है यह उपलब्धि?
MIGM का सफल परीक्षण भारत की समुद्री युद्ध रणनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह न केवल नौसेना की सतर्कता और रक्षा क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि युद्ध के हालात में नौसेना की आक्रामक क्षमताओं को भी मजबूत करेगा। यह स्वदेशी तकनीक भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भरता से मुक्त करती है और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय नौसेना को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा,
“मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण भारत की रक्षा अनुसंधान में बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह स्वदेशी तकनीक देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में क्रांतिकारी भूमिका निभाएगी।”
स्वदेश ज्योति के द्वारा और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/05/drdo-indian-navy-successfully-test-fired-indigenous-multi-influence-ground-mine-amid-fears-of-war-wi-1943876850.webp)