नई दिल्ली। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक कूटनीतिक मुहिम इस समय चरम पर है। केंद्र सरकार के निर्देश पर भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की राजधानियों में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल 51 सांसद, पूर्व मंत्री, वरिष्ठ नौकरशाह और राजनयिक ‘टीम इंडिया’ की तरह काम कर रहे हैं। मकसद है—दुनिया को यह समझाना कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ भारत नहीं, बल्कि वैश्विक शांति पर हमला था।

पाकिस्तानी दुष्प्रचार का हर मंच पर जवाब

इन प्रतिनिधिमंडलों ने अल्जीरिया, डेनमार्क, यूके, इथियोपिया, फ्रांस, इटली, पनामा, सिएरा लियोन, ग्रीस, बहरीन, कतर, रूस, जापान और यूएई समेत अनेक देशों में भारत के खिलाफ फैलाए जा रहे पाकिस्तानी झूठ को तथ्यों और संयमित तर्कों के साथ बेनकाब किया है।

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अगुआई वाला दल अल्जीरिया में, सुप्रिया सुले की अगुआई वाला समूह इथियोपिया में, जबकि रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में दल डेनमार्क होते हुए ब्रिटेन पहुंचा है। सभी प्रतिनिधि, मंच चाहे राजनयिक हो या राजनीतिक, एक ही बात पर जोर दे रहे हैं—आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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मलयेशिया में भारत की संतुलित प्रतिक्रिया को सराहा गया

मलयेशिया में जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने वहां के राष्ट्रीय एकता उप मंत्री वाईबी सरस्वती कंदासामी और कानून मंत्री एम. कुलसेगरन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि 22 अप्रैल की घटना निंदनीय थी, और भारत की प्रतिक्रिया संतुलित रही। भारत की प्राथमिकता युद्ध नहीं बल्कि आर्थिक विकास है—यह संदेश प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट रूप से पहुंचाया।

लाइबेरिया से ब्राजील तक गूंजा भारत की एकता का संदेश

लाइबेरिया में भारत की ओर से राजदूत सुजान चिनॉय ने स्पष्ट कहा कि यह अभियान न पार्टी का है, न सरकार का—यह पूरे भारत की एकजुट आवाज है। सभी दलों के सांसदों की एकजुटता इस बात की गवाही देती है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो भारत एकजुट है।

शशि थरूर बोले—आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं

ब्राजील में मौजूद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस अभियान को मजबूती दी। उन्होंने अमेरिका के कोलोराडो में हुए आतंकी हमले पर चिंता जताई और कहा कि भारत और अमेरिका जैसे लोकतंत्रों में आतंक के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उनका प्रतिनिधिमंडल अब अमेरिका रवाना होगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदली कूटनीतिक भाषा

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। इसके बाद से पाकिस्तान की तरफ से सीज़फायर की अपीलें आईं। भारत के इन प्रतिनिधिमंडलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी भी प्रकार की उकसावे की कार्रवाई नहीं चाहता, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता भी नहीं करेगा।

भारत की प्राथमिकता: संघर्ष नहीं, विकास

सभी प्रतिनिधिमंडलों ने एक साझा संदेश दिया है—भारत युद्ध नहीं, शांति और विकास चाहता है। भारत पहले ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अब उसका लक्ष्य तीसरे पायदान पर पहुंचना है। इसके लिए जरूरी है कि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे।

स्वदेश ज्योति के द्वारा

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