देशभर में मानसून सीजन खत्म, लेकिन बारिश जारी; राजस्थान में अलर्ट, 1520 लोगों की मौत

नई दिल्ली। देशभर में आधिकारिक रूप से मानसून सीजन (जून-सितंबर) मंगलवार को समाप्त हो गया, लेकिन बारिश का दौर अभी थमा नहीं है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अक्टूबर में भी कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा वर्षा हो सकती है। खासतौर पर राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में अगले दिनों में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है।

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राजस्थान में झमाझम, दशहरे की तैयारियां प्रभावित

राजस्थान में बुधवार को कई जिलों में भारी बारिश हुई।

  • जयपुर में 2 घंटे की तेज बरसात से 2 से 3 फीट तक पानी भर गया।
  • सड़कें तालाब जैसी हो गईं और दशहरे के लिए बनाए गए रावण के पुतले पानी में बहते दिखे।
  • कोटा में बना 221 फीट ऊंचा रावण का पुतला, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा बताया जा रहा है, वह भी भीग गया।
  • मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दशहरे के दिन, 2 अक्टूबर को भी तेज बारिश हो सकती है।

मानसून 2025: सामान्य से ज्यादा बारिश

IMD की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मानसून सीजन में 8% ज्यादा वर्षा हुई।

  • भारत में जून से सितंबर तक औसतन 868.6 मिमी बारिश होती है।
  • इस साल कुल 937.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
    विशेषज्ञों के मुताबिक, मानसून की यह अधिकता कुछ इलाकों में फसलों के लिए वरदान साबित हुई तो कहीं पर बाढ़ और नुकसान का कारण भी बनी।

बारिश और मौसम से जुड़े हादसों में भारी जनहानि

चार महीनों के दौरान देशभर में मौसम संबंधी घटनाओं से 1520 लोगों की मौत दर्ज की गई।

  • इनमें से 935 मौतें बाढ़ और भारी बारिश की वजह से हुईं।
  • 570 लोग बिजली गिरने और आंधी-तूफान में मारे गए।
  • राज्यों में मध्य प्रदेश सबसे प्रभावित रहा, जहां अकेले 290 मौतें दर्ज की गईं।

आगे क्या कहता है मौसम विभाग?

मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून के बाद भी अक्टूबर से दिसंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

  • अक्टूबर में बारिश सामान्य से 15% अधिक होने का अनुमान है।
  • खासकर दक्षिण भारत (तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक) में भारी वर्षा की आशंका जताई गई है।

इसका मतलब है कि मानसून भले ही आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया हो, लेकिन मौसम की मार और बरसात की चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है।

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बारिश और समाज पर असर

  • कृषि क्षेत्र: अतिरिक्त बारिश से खरीफ की फसल को नुकसान हो सकता है, लेकिन रबी फसल के लिए यह नमी लाभकारी होगी।
  • त्योहारी सीजन: दशहरा और दीपावली की तैयारियों पर असर पड़ सकता है, खासकर पुतला दहन और मेलों के आयोजन में।
  • आम जनता: बाढ़ और जलभराव से शहरी जीवन प्रभावित हो रहा है, जिससे यातायात और दैनिक गतिविधियाँ ठप हो रही हैं।