August 2, 2025 1:51 AM

भारत ने बांग्लादेश से आयात पर लगाए नए प्रतिबंध, कई उपभोक्ता वस्तुओं का सीमावर्ती रास्ते से प्रवेश बंद

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने 17 मई को बांग्लादेश से हो रहे आयात पर नए कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने इस बात की आधिकारिक घोषणा की है। यह कदम दोनों देशों के बीच हालिया बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक तनाव के मद्देनजर उठाया गया माना जा रहा है। नए नियमों के तहत बांग्लादेश से कई उपभोक्ता वस्तुएं अब सीधे भारत के लैंड बॉर्डर के रास्ते नहीं आ सकेंगी, बल्कि इन्हें समुद्री मार्ग से ही आयात करना होगा।

किन वस्तुओं पर लगी रोक?

नए प्रतिबंधों के तहत शर्ट, पैंट, टी-शर्ट जैसे रेडीमेड गारमेंट्स, बिस्किट, चिप्स, स्नैक्स, कनफेक्शनरी जैसे प्रोसेस्ड फूड आइटम, कार्बोनेटेड और एनर्जी ड्रिंक्स, प्लास्टिक के बाल्टी, खिलौने, कुर्सियां, कॉटन वेस्ट और इंडस्ट्रियल ग्रेड कॉटन के बाय प्रोडक्ट, साथ ही सोफा, बेड, टेबल, कुर्सियां जैसे लकड़ी के फर्नीचर अब भारत में लैंड बॉर्डर के रास्ते से नहीं आ सकेंगे।

कौन-कौन से बॉर्डर बंद किए गए?

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल के लैंड कस्टम स्टेशनों (LCS) और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) जैसे पेट्रापोल (पश्चिम बंगाल), सुतरकंडी (असम), और डॉकी (मेघालय) जैसे सीमाई रास्तों से इन वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी गई है। अब इन वस्तुओं का आयात केवल मुंबई के नवा शेवा पोर्ट या कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के जरिए समुद्री मार्ग से ही किया जा सकेगा।

किन वस्तुओं पर प्रतिबंध नहीं है?

हालांकि, इस नई पाबंदी के दायरे से कुछ जरूरी वस्तुएं बाहर रखी गई हैं। मछली और समुद्री भोजन, एलपीजी गैस, खाद्य तेल और क्रस्टेसियन शेलफिश (जैसे झींगा-चिंपड़ा) जैसी वस्तुओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके अलावा नेपाल और भूटान को बांग्लादेश के रास्ते भेजे जाने वाले सामान पर भी कोई रोक नहीं है, क्योंकि भारत इन दोनों देशों के साथ अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है।

बांग्लादेश की कमजोर अर्थव्यवस्था पर असर

विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से पहले से ही कमजोर आर्थिक स्थिति में फंसे बांग्लादेश को और अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सीमाई रास्तों से होने वाले व्यापार पर रोक लगने से बांग्लादेश के व्यवसायिक हितों को बड़ा झटका लगेगा, खासकर उन छोटे कारोबारियों को जो लैंड बॉर्डर के जरिए त्वरित वस्तु ले जाते थे। इसके अलावा, समुद्री मार्ग से व्यापार महंगा और समय-साध्य हो सकता है, जिससे वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी भी संभव है।

दोनों देशों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि

यह नया आयात प्रतिबंध बांग्लादेश की हालिया नीतियों और दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के मद्देनजर उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं, जिसके कारण सरकार ने इस प्रकार की कड़ी नीति अपनाई है।

भारत सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार संतुलन को ध्यान में रखकर लिया गया है। इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यापारिक प्रथाओं में बदलाव आएगा और नई चुनौतियां भी सामने आएंगी।



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