भारतीय फुटबॉल टीम ने सीएएफए नेशंस कप में ओमान को हराकर बनाया इतिहास

नई दिल्ली। भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम ने सीएएफए नेशंस कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रचा। यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले भारत ने कभी भी पश्चिम एशियाई प्रतिद्वंद्वी ओमान को किसी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मुकाबले में नहीं हराया था। भारत ने तीसरे स्थान के प्लेऑफ़ मुकाबले में ओमान को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराया और टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया।

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मैच की मुख्य झलकियाँ

भारत और ओमान के बीच नियमित समय तक मुकाबला काफी रोमांचक रहा। दोनों टीमों ने समान प्रदर्शन करते हुए मैच को 1-1 की बराबरी पर समाप्त किया। भारत की ओर से उदान्ता सिंह ने शानदार गोल करते हुए टीम को बराबरी दिलाई, जबकि इससे पहले ओमान के यहमादी ने गोल कर अपनी टीम को बढ़त दिलाई थी।

इस जीत की विशेषता यह है कि भारत ने पिछले 25 वर्षों में ओमान के खिलाफ खेले गए नौ मैचों में छह बार हार का सामना किया था। इस बार टीम ने अपनी लकीर बदलते हुए ओमान पर जीत दर्ज की और लंबे समय से जारी यह तिलिस्म तोड़ा।

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पेनल्टी शूटआउट में भारत की शानदार रणनीति

तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट निर्णायक साबित हुआ। ओमान, जो रैंकिंग में बेहतर माना जाता है, ने अपने शुरुआती दो मौके गंवा दिए। भारत के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने निर्णायक पेनल्टी को रोककर टीम की जीत सुनिश्चित की।

भारत की ओर से लालियनजुआला छांगटे, राहुल भेके और जितिन एमएस ने पेनल्टी में गोल दागे, जबकि अनवर अली और उदांता सिंह गोल करने में सफल नहीं हो पाए। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया।

टीम की लगातार सुधारती छवि

भारत और ओमान दोनों ही टीम अपने-अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहे थे, जिससे उन्हें तीसरे स्थान के मुकाबले में खेलने का मौका मिला। भारतीय टीम ने इस मैच में आत्मविश्वास और तकनीक का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जो भविष्य में टीम की संभावनाओं को और मजबूत करता है।

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विशेषज्ञों के अनुसार यह जीत भारतीय फुटबॉल के लिए ऐतिहासिक क्षण है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम ने लगातार सुधार किया है और अब वह पश्चिम एशियाई टीमों के खिलाफ भी मुकाबला कर सकती है। इस जीत ने खिलाड़ियों और प्रशंसकों दोनों में उत्साह और आत्मविश्वास को बढ़ाया है।

भारतीय टीम के खिलाड़ियों की भूमिका

  • उदान्ता सिंह: नियमित समय में महत्वपूर्ण गोल करके टीम को बराबरी दिलाई।
  • गुरप्रीत सिंह संधू: गोलकीपर के रूप में निर्णायक पेनल्टी रोककर टीम की जीत सुनिश्चित की।
  • लालियनजुआला छांगटे, राहुल भेके, जितिन एमएस: पेनल्टी में गोल कर जीत में योगदान दिया।

इस तरह, भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम ने न केवल तीसरे स्थान का गौरव हासिल किया बल्कि ओमान के खिलाफ ऐतिहासिक जीत भी दर्ज की। इस जीत के साथ भारतीय फुटबॉल की प्रतिष्ठा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत हुई है।