October 16, 2025 1:15 AM

भारत-चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स फिर शुरू होंगी

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भारत-चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स फिर शुरू, 26 अक्टूबर से कोलकाता-ग्वांगझू के लिए इंडिगो की उड़ान

अक्टूबर के अंत से कोलकाता-ग्वांगझू के लिए इंडिगो की रोज़ाना उड़ान, एयर इंडिया भी तैयार

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। लंबे इंतज़ार के बाद भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सर्विस दोबारा शुरू होने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज़ जारी कर इसकी आधिकारिक घोषणा की। इसके तुरंत बाद इंडिगो एयरलाइंस ने 26 अक्टूबर से कोलकाता से ग्वांगझू के लिए रोज़ाना नॉन-स्टॉप उड़ान शुरू करने का ऐलान किया। साथ ही, जल्द ही दिल्ली-ग्वांगझू मार्ग पर भी सीधी सेवा बहाल की जाएगी। इन उड़ानों में इंडिगो अपने एयरबस A320neo विमान का इस्तेमाल करेगी।

एयर इंडिया ने भी संकेत दिए हैं कि वह इस साल के आखिर तक भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करेगी। यह निर्णय ऐसे समय आया है जब दोनों देशों ने 2020 के बाद से जमी बर्फ को पिघलाने के लिए कई कूटनीतिक और आर्थिक पहलें तेज की हैं।


कोविड और गलवान झड़प के बाद बंद हुई थी सेवा

भारत-चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दौरान निलंबित कर दी गई थीं। इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को और बिगाड़ दिया। नतीजतन, पिछले पांच सालों से यात्रियों को थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया या बांग्लादेश जैसे तीसरे देशों के जरिए यात्रा करनी पड़ रही थी, जिससे खर्च और समय दोनों बढ़ गए


विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय भारत-चीन संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के एयर सर्विस अधिकारियों के बीच महीनों से बातचीत चल रही थी और आखिरकार सहमति बनी कि अक्टूबर 2025 के आखिर से डायरेक्ट फ्लाइट्स बहाल की जाएं।

ये उड़ानें सर्दियों के शेड्यूल के अनुसार चलेंगी और इसका संचालन एयरलाइंस की तैयारियों और नियमों की पूर्ति पर निर्भर करेगा।


टिकटों में मिलेगी राहत

कोविड के बाद से दिल्ली से बीजिंग (वन-वे) की न्यूनतम हवाई टिकट लगभग 20 हजार रुपये और राउंड ट्रिप 35 हजार रुपये तक की हो गई थी। ट्रैवल वेबसाइटों के अनुसार डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने के बाद किराए में 15-20% तक कमी आ सकती है। इससे यात्रियों को राहत मिलने के साथ-साथ व्यापारिक और शैक्षणिक यात्राओं में तेजी आएगी।


तीन बड़े फायदे

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस फैसले से तीन स्तरों पर सकारात्मक असर होगा –

  1. लोगों का आपसी संपर्क बढ़ेगा – छात्र, व्यापारी, पर्यटक और परिवार सीधे यात्रा कर सकेंगे।
  2. आर्थिक लाभ – भारत-चीन दोनों दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। सीधी उड़ानें व्यापार और निवेश को गति देंगी।
  3. कूटनीतिक महत्व – यह कदम तनाव कम करने और संबंध सामान्य करने का संकेत है।

पहले कितना था एयर ट्रैफिक?

महामारी से पहले भारत और चीन के बीच हर महीने 539 सीधी उड़ानें संचालित होती थीं, जिनकी कुल क्षमता लगभग 1.25 लाख सीटें थी। इसमें एयर इंडिया, चाइना ईस्टर्न और चाइना साउदर्न एयरलाइंस जैसी कंपनियां शामिल थीं।

लेकिन सेवा बंद होने के बाद यात्रियों को हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, थाईलैंड और बांग्लादेश जैसे हब के जरिए सफर करना पड़ा। एयर ट्रैफिक डेटा के अनुसार जनवरी-अक्टूबर 2019 में जहां लगभग 10 लाख लोग दोनों देशों के बीच यात्रा कर चुके थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 4.6 लाख रह गई।


रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार

भारत और चीन के रिश्तों में हाल के महीनों में नरमी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कजान (2024) में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों ने कई अहम निर्णय लिए। इनमें सीमा पर डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और अब सीधी उड़ानें शामिल हैं।


आगे की राह

डायरेक्ट फ्लाइट्स की बहाली से न केवल दोनों देशों के यात्रियों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि यह भारत-चीन संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत भी करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह पहल सफल रहती है तो आने वाले वर्षों में बीजिंग, शंघाई और शेनझेन जैसे शहरों के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू हो सकती हैं।



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