October 15, 2025 10:16 PM

भारत-ब्राजील के बीच रणनीतिक स्तर की छठी बैठक सम्पन्न, रक्षा और दुर्लभ खनिज सहयोग पर केंद्रित रही चर्चा

  • उच्च स्तरीय बैठक में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रतिनिधित्व किया

नई दिल्ली। भारत और ब्राजील के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में छठी रणनीतिक स्तर की वार्ता आयोजित की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक, रक्षा, ऊर्जा और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में सहयोग को गहराने पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस उच्च स्तरीय बैठक में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रतिनिधित्व किया, जबकि ब्राजील की ओर से राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार राजदूत सेल्सो लुइस नूनेस अमोरिम ने नेतृत्व किया।

रक्षा, ऊर्जा और दुर्लभ खनिज बने प्रमुख मुद्दे

बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) और दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earths) के क्षेत्र में साझा निवेश और तकनीकी सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया।
दुर्लभ खनिजों की उपलब्धता आज वैश्विक सामरिक प्रतिस्पर्धा का अहम केंद्र बन चुकी है, और भारत-ब्राजील ने इस क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान, तकनीकी साझेदारी और उत्पादन आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain Integration) को मजबूत करने पर सहमति जताई।

भारत ने बैठक के दौरान यह भी प्रस्ताव रखा कि दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण (Clean Energy Transition) के लिए लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे खनिजों की खोज और प्रसंस्करण में मिलकर काम कर सकते हैं।

बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर भी हुई चर्चा

बैठक में ब्रिक्स (BRICS), आईबीएसए (IBSA), और नवंबर में ब्राजील द्वारा आयोजित होने वाले कॉप-30 (COP-30) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी भारत और ब्राजील के बीच समन्वय बढ़ाने पर चर्चा हुई।
राजदूत अमोरिम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और दक्षिण-दक्षिण सहयोग जैसे मुद्दों पर भारत और ब्राजील की सोच समान है, और दोनों देश मिलकर वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ को और मजबूत करेंगे।

मोदी-लूला बैठक में तय हुए पांच स्तंभों पर प्रगति की समीक्षा

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि यह बैठक उस रणनीतिक रूपरेखा की समीक्षा का हिस्सा थी, जिस पर जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा के दौरान सहमति बनी थी।
दोनों देशों ने सहयोग के पाँच प्रमुख स्तंभों – रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और खनिज संसाधन प्रबंधन, तथा बहुपक्षीय सहयोग – पर प्रगति का आकलन किया।

जयशंकर और अमोरिम की मुलाकात : वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शनिवार को राजदूत अमोरिम से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य, वैश्विक दक्षिण के हितों और रणनीतिक सहयोग को गहरा करने के अवसरों पर चर्चा की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा,

“राजदूत अमोरिम के साथ अत्यंत उपयोगी बातचीत हुई। हमने भारत-ब्राजील संबंधों को रणनीतिक दृष्टिकोण से और सुदृढ़ करने के अवसरों पर चर्चा की।”

अमेरिकी टैरिफ के बाद बढ़ा भारत-ब्राजील का सहयोग

हाल के महीनों में अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ ने भारत और ब्राजील दोनों के निर्यात कारोबार पर असर डाला है।
इसी के चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ विकल्पीय व्यापारिक साझेदारी को सशक्त बनाने पर सहमति जताई है।
भारत ने संकेत दिया है कि वह ब्राजील के साथ कृषि, रक्षा उद्योग और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्रों में सीधा निवेश और व्यापारिक गलियारे (Trade Corridors) विकसित करना चाहता है।

लूला दा सिल्वा आएंगे भारत

कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा अगले वर्ष की शुरुआत में भारत यात्रा पर आएंगे।
उनकी यात्रा से पहले ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन भारत आएंगे, जो इस उच्चस्तरीय दौरे की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
ब्राजील की ओर से इस यात्रा को “भारत-ब्राजील रणनीतिक दशक की नई शुरुआत” बताया जा रहा है।

रक्षा उद्योग में नई संभावनाएं

भारत ने ब्राजील के साथ रक्षा निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (Technology Transfer) के क्षेत्र में सहयोग का प्रस्ताव दिया है।
दोनों देशों के बीच संयुक्त अभ्यास, नौसेना सहयोग और रक्षा अनुसंधान में भागीदारी को और गहरा करने की दिशा में चर्चा हुई।
ब्राजील की रक्षा कंपनियाँ भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों में साझेदारी की इच्छुक हैं।

रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साझेदारी

भारत और ब्राजील के बीच 2006 में रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी गई थी। दोनों देश न केवल ब्रिक्स और जी-20 जैसे मंचों पर सहयोगी हैं, बल्कि वैश्विक दक्षिण के विकास और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के समर्थक भी हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बैठक भारत-ब्राजील संबंधों को नई दिशा और गहराई प्रदान करेगी, विशेष रूप से ऊर्जा, सुरक्षा और खनिज संसाधनों के क्षेत्रों में।

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