भारत ने किया इतिहास! ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर विमेंस वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची टीम इंडिया

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एक नया इतिहास रच दिया है। विमेंस वनडे वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर तीसरी बार फाइनल में जगह बना ली। यह जीत न केवल भारतीय महिला क्रिकेट के लिए बल्कि विश्व क्रिकेट इतिहास के लिए भी यादगार बन गई है, क्योंकि भारत ने इस मुकाबले में महिला वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा रन चेज पूरा किया।

ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 338 रन का विशाल लक्ष्य रखा था, लेकिन भारतीय टीम ने जेमिमा रॉड्रिग्ज और हरमनप्रीत कौर की शानदार साझेदारी की बदौलत 48.3 ओवर में यह लक्ष्य हासिल कर लिया। इस जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया की 8 साल पुरानी अपराजेय श्रृंखला को भी तोड़ दिया।

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भारत ने विमेंस वनडे क्रिकेट में बनाया नया इतिहास

भारतीय टीम ने महिला वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ा रन चेज कर इतिहास रच दिया। इससे पहले तक यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम था, जिसने इसी वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ 330 रन का लक्ष्य हासिल किया था। लेकिन अब भारतीय महिलाओं ने उस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।

मेंस और विमेंस दोनों वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबलों में यह पहला मौका है जब किसी टीम ने 300 से ज्यादा रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा कर जीत हासिल की है। इससे पहले 2015 में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 298 रन का लक्ष्य हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था।

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भारत तीसरी बार फाइनल में पहुंचा

इस ऐतिहासिक जीत के साथ भारत तीसरी बार विमेंस वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गया है। इससे पहले भारतीय टीम 2005 और 2017 में फाइनल तक पहुंची थी। 2005 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था, जबकि 2017 में इंग्लैंड ने खिताब जीतकर भारत का सपना तोड़ा था। अब एक बार फिर भारत को मौका मिला है उस अधूरे सपने को पूरा करने का।


जेमिमा रॉड्रिग्ज का शानदार प्रदर्शन

भारत की युवा बल्लेबाज जेमिमा रॉड्रिग्ज ने सेमीफाइनल में नाबाद 127 रन की पारी खेलकर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। वे वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट मैचों में भारत की ओर से दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाली खिलाड़ी बनीं। उनसे पहले हरमनप्रीत कौर ने 2017 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही 171 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी।

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मेंस क्रिकेट की बात करें तो विराट कोहली ने 2023 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 117 रन बनाए थे। इस तरह जेमिमा अब भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे खास नामों में शामिल हो गई हैं।

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हरमनप्रीत-जेमिमा की रिकॉर्ड साझेदारी

सेमीफाइनल की जीत का सबसे बड़ा आधार हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रॉड्रिग्ज की 167 रन की साझेदारी रही। यह विमेंस वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट इतिहास में भारत की सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले 2017 में हरमन और दीप्ति शर्मा ने 137 रन की साझेदारी की थी।

दोनों बल्लेबाजों ने परिस्थिति के दबाव को मात देते हुए जिम्मेदारी से खेला। जब टीम ने शुरुआती विकेट खो दिए थे, तब इन दोनों ने पारी को संभाला और अंत तक ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया।

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ऑस्ट्रेलिया की जीत की लड़ी टूटी

ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम पिछले 8 साल से वर्ल्ड कप में अजेय चल रही थी। इस दौरान उसने लगातार 15 मुकाबले जीते थे। आखिरी बार 2017 में भी भारत ने ही उसे सेमीफाइनल में हराया था। अब एक बार फिर इतिहास खुद को दोहराया है — ऑस्ट्रेलिया को हराने वाली वही टीम, वही जोश और वही जज़्बा।

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फीबी लिचफील्ड बनीं सबसे युवा शतकवीर

हालांकि हार के बावजूद ऑस्ट्रेलिया की युवा खिलाड़ी फीबी लिचफील्ड ने शानदार बल्लेबाजी की। उन्होंने 22 साल और 195 दिन की उम्र में सेमीफाइनल मुकाबले में सेंचुरी लगाई और विमेंस वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबलों में शतक लगाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बन गईं। दो दिन पहले साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोलवार्ट ने इंग्लैंड के खिलाफ 26 साल की उम्र में शतक जमाया था।

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वर्ल्ड कप के नॉकआउट में तीसरा सबसे बड़ा स्कोर

ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 338 रन बनाए थे। यह विमेंस वर्ल्ड कप नॉकआउट मैचों का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले 2022 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 356 रन बनाए थे जो अब भी शीर्ष पर है।

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एक एडिशन में सबसे ज्यादा शतक का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम

भले ही ऑस्ट्रेलिया यह मैच हार गया हो, लेकिन उसने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। टीम ने इस वर्ल्ड कप के एक ही एडिशन में 6 शतक लगाए, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इससे पहले इंग्लैंड ने 1996 और 2017 में 5-5 शतक लगाए थे।


भारत की इस जीत ने न केवल विश्व क्रिकेट जगत को चौंकाया है बल्कि महिला क्रिकेट के बढ़ते आत्मविश्वास और कौशल का भी प्रमाण दिया है। अब पूरा देश उम्मीद लगाए बैठा है कि फाइनल में भारतीय टीम अपनी इस लय को बरकरार रखेगी और पहली बार विश्व कप ट्रॉफी जीतकर नया इतिहास रचेगी।

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