रूस की सेना में भारतीयों की भर्ती पर भारत सरकार सख्त, फंसे युवकों ने वीडियो में लगाई गुहार
नई दिल्ली। भारत सरकार ने गुरुवार को रूस से स्पष्ट मांग की है कि वह अपनी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती की प्रथा को तत्काल समाप्त करे और पहले से भर्ती किए गए भारतीयों को भी रिहा किया जाए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारतीय नागरिकों को किसी भी हाल में रूसी सेना में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नौकरी या किसी भी अन्य आकर्षक प्रस्ताव के नाम पर रूस की सेना में जाने से बचें, क्योंकि यह सीधे जानलेवा खतरे से जुड़ा हुआ है।
कैसे उठा मामला?
पिछले कुछ समय से यह खबरें लगातार सामने आ रही हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय युवकों को नौकरी का लालच देकर रूसी सेना में शामिल किया जा रहा है। कई मामलों में भारतीय युवकों को रसोइये, सहायक स्टाफ या अन्य काम के बहाने भर्ती कर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। इस मुद्दे पर भारत सरकार कई बार रूस से औपचारिक बातचीत कर चुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी रूस यात्रा के दौरान इस पर चिंता जताई थी।
विदेश मंत्रालय की चेतावनी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार पहले भी कई बार इस विषय में चेतावनी दे चुकी है। किसी भी भारतीय को अगर इस तरह का कोई प्रस्ताव मिलता है तो उसे तुरंत ठुकरा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि रूस में काम कर रहे कई भारतीयों को नौकरी के नाम पर धोखे से युद्ध में उतारा गया है और यह स्थिति बेहद गंभीर है।

हरियाणा के युवकों का भावुक वीडियो
इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब हरियाणा के फतेहाबाद जिले के दो युवकों अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया ने अपने परिवार को वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई। वीडियो में दोनों ने कहा कि उनके पास सिर्फ 2-3 दिन बचे हैं, उसके बाद उन्हें मोर्चे पर भेज दिया जाएगा। युवकों ने बताया कि पहले जो साथी युद्ध क्षेत्र में भेजे गए थे, वे सभी मारे गए।
अंकित और विजय ने अपने परिवार से कहा कि वे किसी तरह उन्हें वहां से निकालने की व्यवस्था करें। युवकों ने बताया कि वे एक महिला के झांसे में आकर नौकरी की तलाश में रूस पहुंचे थे लेकिन उन्हें जबरन सेना में भर्ती कर लिया गया और अब यूक्रेन की लड़ाई में धकेला जा रहा है।
परिवारों की गुहार
युवकों के परिजनों ने बताया कि वे सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिले थे और उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। परिवार का कहना है कि उनके बेटों के साथ यूपी, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के भी कई युवक वहां फंसे हुए हैं। परिवारों का आरोप है कि करीब 15 युवकों का पूरा बैच धोखे से भर्ती कर लिया गया और अब उन्हें रूस के खिलाफ युद्ध में जबरन भेजा जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और विदेशी भर्ती का मुद्दा
फरवरी 2022 से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस पर कई बार आरोप लग चुके हैं कि उसने किराए के सैनिकों और दूसरे देशों के नागरिकों को लड़ाई में झोंक दिया। इसमें एशियाई देशों के युवकों की संख्या भी बताई जाती है। भारत सरकार का कहना है कि वह हर स्तर पर रूस से इस मुद्दे पर बातचीत कर रही है और जल्द ही इस संकट का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है।

सरकार का आश्वासन
भारत सरकार ने फंसे हुए सभी भारतीयों के परिवारों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लगातार रूस से अपने नागरिकों की रिहाई और सुरक्षित वापसी की मांग कर रहा है।
यह घटना उन सैकड़ों युवाओं के लिए चेतावनी है जो विदेश में नौकरी की तलाश में बिना जांचे-परखे किसी भी एजेंट या झूठे वादों पर भरोसा कर लेते हैं।
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