July 10, 2025 8:03 PM

“ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस: पहली बार दो महिला अफसरों ने साझा की एयरस्ट्राइक की रणनीति”

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भारत ने लिया पहलगाम हमले का बदला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकाने तबाह

भारत ने मंगलवार-बुधवार की रात 1:44 बजे पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर पहलगाम हमले का करारा जवाब दिया। केंद्र सरकार ने इस कार्रवाई की पुष्टि प्रेस रिलीज जारी कर की। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है।

🎥 2 मिनट का एयर स्ट्राइक वीडियो हुआ जारी

प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले एयर स्ट्राइक की 2 मिनट की फुटेज दिखाई गई, जिसमें एयरफोर्स की कार्रवाई और टारगेट की तबाही को दर्शाया गया। यह भारत की ओर से पारदर्शिता और आत्मविश्वास का प्रतीक माना गया।


🪖 सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार दो महिला अफसर: एक हिंदू, एक मुस्लिम

देश के इतिहास में पहली बार सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक हिंदू और एक मुस्लिम महिला अफसर ने मिलकर ऑपरेशन की जानकारी दी:

  • लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी (आर्मी)
  • विंग कमांडर व्योमिका सिंह (एयरफोर्स)

इन दोनों अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना का संयुक्त मिशन था, जो रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया।


🧭 कौन-कौन से टारगेट किए गए और क्यों?

लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह ने बताया कि जिन 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, वो सभी ट्रेनिंग सेंटर, लॉन्चपैड्स, और आतंकी निर्माण स्थलों के रूप में सक्रिय थे। इनमें शामिल हैं:

  1. सवाई नाला, मुजफ्फराबाद – लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर, जहां पहलगाम के हमलावरों ने ट्रेनिंग ली थी।
  2. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद – जंगल सर्वाइवल, हथियार और विस्फोटक की ट्रेनिंग दी जाती थी।
  3. कोटली गुरपुर कैंप – लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा, पुंछ श्रद्धालु हमले के आतंकियों की ट्रेनिंग यहीं हुई थी।
  4. बरनाला कैंप, भिम्बर – हथियार संचालन का प्रमुख ठिकाना।
  5. अब्बास कैंप, कोटली – LOC से 13 किमी दूर, आत्मघाती दस्तों की तैयारी यहीं होती थी।

बाकी टारगेट बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, गुलपुर जैसे ठिकानों में थे, जो जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर और हिजबुल के मजबूत गढ़ माने जाते थे।


🇮🇳 सरकार की प्रतिक्रियाएं और रणनीतिक पहल

  • विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह कार्रवाई भारत का अधिकार है और हमने आतंकवाद के नेटवर्क को रोकने के लिए यह कदम उठाया।
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन के तुरंत बाद तीनों सेना प्रमुखों से बात की और सीडीएस जनरल अनिल चौहान के साथ सुरक्षा बैठक भी की।

🕥 सुबह 10:30 बजे हुई विस्तृत प्रेस ब्रीफिंग

सुबह 10:30 बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव, लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह ने ऑपरेशन की आधिकारिक जानकारी साझा की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि:

  • कार्रवाई का मकसद केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था।
  • पाकिस्तान की सैन्य ठिकानों को जानबूझकर नहीं छुआ गया।
  • सभी हमले प्रेसिजन गाइडेड हथियारों से किए गए, जिससे सटीकता बनी रही और नागरिकों की क्षति न हो।

🔴 1971 के बाद पहली बार तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई

यह पहली बार है जब 1971 की जंग के बाद भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर संयुक्त कार्रवाई की। यह भारत की सैन्य क्षमताओं और रणनीतिक एकता का प्रतीक है।


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