नई दिल्ली। देश के आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति को लेकर एक उत्साहजनक भविष्य की तस्वीर सामने आई है। केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने भरोसा जताया है कि अगले दो वर्षों में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। वह शुक्रवार को नई दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ‘विजन-2047: समृद्ध और महान भारत’ में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
विकसित भारत का सपना साकार करने की दिशा में तेज़ी से बढ़ता देश
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक “विकसित भारत” के लक्ष्य का जो संकल्प लिया है, वह हर वर्ग की भागीदारी और समर्पण से साकार होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ आर्थिक तरक्की ही नहीं, बल्कि संस्कृति, नैतिक मूल्यों, शिक्षा और वैश्विक व्यवहार के आधार पर भी भारत की छवि को मजबूती से स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी को कमजोरी नहीं बल्कि ताकत के रूप में देखा जाना चाहिए, क्योंकि 18 से 64 आयु वर्ग की बड़ी संख्या देश की प्रगति का इंजन बनेगी। यह जनसांख्यिकीय लाभांश विकसित भारत की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
हर क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता
मनोहर लाल ने जोर देकर कहा कि भारत अब हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। विज्ञान, तकनीक, खेल, कृषि, रक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे विश्व को चौंकाने वाली हैं।
उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 को एक क्रांतिकारी बदलाव बताया। उन्होंने कहा कि बतौर हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने 2025 तक इस नीति को लागू करने का लक्ष्य रखा था, जिस दिशा में हरियाणा ने काफी प्रगति की है।
उन्होंने कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए बताया कि जब पूरी दुनिया भारत को महामारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित देश मान रही थी, उस समय भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना के साथ न केवल अपने नागरिकों को वैक्सीन दी, बल्कि 50 देशों को भी वैक्सीन सप्लाई की।
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से बदले समीकरण
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आज भारत ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बन चुका है, बल्कि म्यांमार, श्रीलंका और भूटान जैसे देशों को बिजली की आपूर्ति भी कर रहा है। इसके साथ ही नेपाल में हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को गति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि नेपाल में 80,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से वर्तमान में केवल 3000 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है, जबकि 10,000 मेगावाट के लिए समझौते हो चुके हैं।
भारत अब थर्मल पावर प्लांट की निर्भरता को घटाकर न्यूक्लियर और सोलर एनर्जी की ओर अग्रसर है। मंत्री ने बताया कि अब तक 47 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ेगा।
भविष्य की दिशा तय करता ‘विजन-2047’
कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट रूप से दर्शाया गया कि 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब उसे विकसित राष्ट्रों की सूची में अग्रणी बनाना ही देश की प्राथमिकता है। इस दिशा में केंद्र सरकार की योजनाबद्ध नीतियां, वैज्ञानिक सोच, और समाज के हर वर्ग की भागीदारी ही भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी और आगे लेकर जाएगी।
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