भोपाल-इंदौर-मुंबई में आयकर विभाग की छापेमारी, साइंस हाउस ग्रुप के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई
भोपाल। राजधानी भोपाल समेत इंदौर और मुंबई में मंगलवार सुबह आयकर विभाग ने एक साथ कई ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए साइंस हाउस ग्रुप और उससे जुड़े कारोबारियों के दफ्तरों व आवासों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई ने प्रदेश की व्यावसायिक और राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है, क्योंकि जिस ग्रुप पर छापे मारे गए हैं, उसका नाम पूर्व में भी करोड़ों के घोटाले में आ चुका है।
तड़के हुई कार्रवाई, सीआरपीएफ तैनात
सुबह होते ही आयकर विभाग की कई गाड़ियां भोपाल के गौतम नगर स्थित साइंस हाउस ग्रुप की बिल्डिंग पर पहुंचीं और वहां दस्तावेजों की तलाशी शुरू कर दी। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सीआरपीएफ के जवान मौके पर तैनात कर दिए गए थे। तलाशी अभियान घंटों तक चलता रहा और इस दौरान ग्रुप के दफ्तरों में कर्मचारियों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई।

कई कारोबारियों के घर भी छापे
आयकर विभाग की एक अन्य टीम ने भोपाल के लालघाटी क्षेत्र स्थित पंचवटी पार्क कॉलोनी में मेडिकल सर्जिकल उपकरणों के व्यापारी राजेश गुप्ता के निवास पर भी छापा मारा। राजेश गुप्ता का लिनन और पॉवरलूम सप्लाई का बड़ा कारोबार है, जिसके जरिए वह सरकारी विभागों में बड़े स्तर पर सप्लाई करते हैं। अधिकारियों ने यहां भी दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़ी फाइलों की गहन जांच की।

इंदौर और मुंबई में भी दबिश
सूत्रों के मुताबिक यह छापेमारी केवल भोपाल तक सीमित नहीं रही, बल्कि इंदौर और मुंबई में भी साइंस हाउस ग्रुप से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली गई। यह कार्रवाई सुबह से ही समन्वयित तरीके से की गई, ताकि एक साथ सबूत जुटाए जा सकें।

पूछताछ में कई बड़े नाम आए सामने
आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान साइंस हाउस ग्रुप के संचालक जितेंद्र तिवारी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोहित गुप्ता, कंसल्टेंट दिनेश बारोलिया और शिखा राजोरिया से भी पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि ग्रुप के कई कारोबारियों के संबंध एक पूर्व आईएएस अधिकारी से भी रहे हैं, जिसकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
साइंस हाउस ग्रुप का नेटवर्क और कारोबार
साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड का मुख्यालय भोपाल के गौतम नगर स्थित मकान नंबर ष्ट-25 में वर्ष 1994 से संचालित है। कंपनी मेडिकल उपकरणों की सप्लाई, पैथोलॉजी लैब सेवाएं, निजी अस्पतालों को सामग्री उपलब्ध कराने और डायग्नोस्टिक सेवाओं का काम करती है। मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी इसके कारोबार का विस्तार है।

पहले भी घोटाले में आ चुका है नाम
यह पहला मौका नहीं है जब साइंस हाउस ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई हुई हो। अनूपपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी खरीद-फरोख्त में कंपनी का नाम सामने आया था। जांच में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने पाया था कि स्वास्थ्य उपकरणों और दवाओं की आपूर्ति बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर की गई थी। इस मामले में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी सामने आई थी। ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के निदेशक जितेंद्र तिवारी और शैलेंद्र तिवारी को गिरफ्तार भी किया था।
कारोबारियों और प्रशासनिक गठजोड़ पर उठे सवाल
आयकर विभाग की ताजा छापेमारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर किसके संरक्षण में ऐसे कारोबार फलते-फूलते रहे। जब पहले भी गड़बड़ियों की पुष्टि हो चुकी थी और गिरफ्तारियां हुई थीं, तब भी यह ग्रुप अपने कारोबार को और विस्तारित करता रहा। राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि उच्च स्तर पर मिलीभगत के बिना इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा करना संभव नहीं था।
आगे की कार्रवाई पर निगाहें
फिलहाल आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है और अधिकारियों ने बरामद दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में साइंस हाउस ग्रुप और उससे जुड़े कारोबारियों की आय-व्यय की पूरी परतें खोली जाएंगी। विभाग यह भी जांच करेगा कि किन-किन सरकारी सौदों में अनियमितताएं की गईं और कितने धन को काले से सफेद किया गया।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर फिर भड़की भीषण झड़पें
- धनतेरस 2025: जानिए पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और समृद्धि लाने वाले उपाय
- चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की सूची
- भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर के किए दर्शन
- जदयू ने जारी की पहली उम्मीदवार सूची, 57 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा