- बिल आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने वाला है और कर कानून में कई बड़े बदलाव लाने की संभावना
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (11 अगस्त) लोकसभा में नया आयकर बिल 2025 पेश करेंगी। यह बिल आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने वाला है और कर कानून में कई बड़े बदलाव लाने की संभावना है। यह बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाने के कारण इसे वापस लेना पड़ा। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भी इसे सदन में रखा था, मगर कार्रवाई पूरी न हो पाने की वजह से प्रक्रिया अधूरी रह गई।
क्यों वापस लिया गया बिल?
सरकार ने बताया कि आयकर बिल को वापस लेने के बाद इसमें लोकसभा चयन समिति के सुझावों के आधार पर संशोधन किए गए हैं। समिति की अध्यक्षता बीजेपी नेता बैजयंत पांडा कर रहे थे, जिन्होंने बिल में 285 सुझाव दिए। इन सभी सुझावों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है और संशोधित बिल आज फिर से सदन के पटल पर रखा जाएगा।
क्या होगा असर
नया आयकर बिल 2025 पुराने कर कानून की कई जटिलताओं को दूर करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसमें कर स्लैब, रियायतों, और कर अनुपालन से जुड़े प्रावधानों में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि नया अधिनियम करदाताओं के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाने और डिजिटल अनुपालन को बढ़ावा देने पर जोर देगा।
पुराने कानून की जगह क्यों?
1961 का आयकर अधिनियम कई बार संशोधित किया गया है, लेकिन इसके कई प्रावधान वर्तमान आर्थिक और तकनीकी परिस्थितियों के अनुरूप नहीं रह गए हैं। नए बिल के जरिए सरकार कर संरचना को आधुनिक, सरल और पारदर्शी बनाने का प्रयास कर रही है।
अगला कदम
अगर आज बिल सदन में पारित हो जाता है, तो इसे जल्द ही राज्यसभा में पेश किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद यह अधिनियम पुराने कानून की जगह लेगा और वित्त वर्ष 2026 से लागू होने की संभावना है।
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