भारत सुधारों से विश्व अर्थव्यवस्था में निभा रहा अग्रणी भूमिका, आईएमएफ ने दी चेतावनी कि संरक्षणवाद से घटेगी वैश्विक वृद्धि दर
आईएमएफ प्रमुख जॉर्जीवा ने ट्रंप के टैरिफ को बताया वैश्विक व्यापार के लिए खतरा, भारत की खुली अर्थव्यवस्था पर जताया भरोसा
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर वैश्विक व्यापार जगत को बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा अपनाई जा रही संरक्षणवादी नीतियाँ (प्रोटेक्शनिस्ट पॉलिसीज) और आयात पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले वैश्विक आर्थिक विकास (ग्लोबल ग्रोथ) के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं।
जॉर्जीवा ने कहा कि वर्तमान दौर में जब विश्व अर्थव्यवस्था पुनरुत्थान की प्रक्रिया में है, ऐसे समय में व्यापारिक अवरोधक उपाय (टैरिफ) लगाना अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके विपरीत भारत जैसी अर्थव्यवस्थाएं अपने खुलेपन और सुधारों के कारण विश्व को स्थिरता प्रदान कर रही हैं।
ट्रंप की नीतियों पर सीधा प्रहार
आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ टैरिफ को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे न केवल अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक आर्थिक संतुलन पर भी असर पड़ रहा है।
जॉर्जीवा ने कहा,
“कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अब संरक्षणवाद की दिशा में बढ़ रही हैं और व्यापार पर शुल्क लगाकर उसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं। यह प्रवृत्ति वैश्विक व्यापार के लिए खतरनाक है। यदि यह जारी रही, तो दुनिया की विकास दर में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जहां कुछ देश टैरिफ के प्रयोग से अपने बाजारों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दुनिया के अधिकतर देश अब भी खुले और निष्पक्ष व्यापार (फेयर एंड ओपन ट्रेड) के समर्थन में हैं, क्योंकि वे मानते हैं कि यही वैश्विक समृद्धि का आधार है।
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भारत पर भरोसा कायम
जॉर्जीवा ने अपने वक्तव्य में भारत को एक उभरते आर्थिक नेतृत्व के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि पूरे विश्व के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा,
“भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह देश अपने सुधार प्रयासों और नीतिगत स्थिरता के कारण वैश्विक विकास में मजबूत योगदान दे रहा है। भारत का खुला और प्रतिस्पर्धी रहना विश्व अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है।”
आईएमएफ प्रमुख के अनुसार, भारत ने हाल के वर्षों में संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms), डिजिटल अर्थव्यवस्था, और राजकोषीय अनुशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके चलते विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है।
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आईएमएफ का भारत को लेकर अनुमान
हाल ही में जारी अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में आईएमएफ ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है, जो कि चीन सहित कई अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से कहीं अधिक है। यह भारत की नीति-निर्माण क्षमता, वित्तीय अनुशासन और सुधारवादी दृष्टिकोण का प्रमाण माना जा रहा है।
जॉर्जीवा ने यह भी कहा कि भारत का विकास वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान कर रहा है, और यह उस समय संभव हुआ है जब कई विकसित देश महंगाई, आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं और राजनीतिक अनिश्चितता से जूझ रहे हैं।
टैरिफ के बढ़ते प्रभाव पर चिंता
आईएमएफ प्रमुख ने चेतावनी दी कि यदि टैरिफ की प्रवृत्ति बढ़ती रही, तो इससे वैश्विक व्यापार प्रवाह (Global Trade Flow) में गिरावट आएगी और आपूर्ति श्रृंखला में नई बाधाएं उत्पन्न होंगी। इसका सबसे बड़ा असर उभरते बाजारों (Emerging Markets) और विकासशील देशों पर पड़ेगा, क्योंकि वे निर्यात आधारित अर्थव्यवस्थाएं हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संघर्ष (Trade Wars) से निवेश वातावरण अस्थिर होता है और रोजगार सृजन पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में देशों को सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए न कि एक-दूसरे पर आर्थिक प्रतिबंध।
खुली अर्थव्यवस्था के समर्थन में भारत का उदाहरण
जॉर्जीवा ने भारत की खुली और सुधार-संचालित नीति की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने न केवल वैश्विक मंचों पर मुक्त व्यापार (Free Trade) का समर्थन किया है, बल्कि अपने घरेलू बाजार में भी प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत की "मेक इन इंडिया" और "डिजिटल इंडिया" जैसी योजनाओं ने उत्पादन और तकनीकी नवाचार को नई दिशा दी है। इसके चलते भारत निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।
आईएमएफ की चेतावनी और विश्व के लिए संदेश
अंत में जॉर्जीवा ने कहा कि यदि विश्व को स्थायी आर्थिक विकास की ओर बढ़ना है, तो उसे संरक्षणवाद की राह छोड़कर सहयोग और मुक्त व्यापार की नीति को अपनाना होगा। उन्होंने आगाह किया कि “टैरिफ से कोई देश नहीं जीतता, सब हारते हैं।”
उनके इस बयान को अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर एक सीधा संदेश मान रहे हैं, जिसमें वैश्विक आर्थिक समरसता को टैरिफ और व्यापार अवरोधों के कारण खतरा बताया गया है।
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