अवैध धर्मांतरण मामले में छांगुर के दो सहयोगी गिरफ्तार, छह राज्यों से 10 और पकड़े गए

बलरामपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने शनिवार को जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के गिरोह के दो प्रमुख सहयोगियों को बलरामपुर से गिरफ्तार किया है। वहीं, आगरा पुलिस ने एक अलग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह राज्यों से 10 लोगों को हिरासत में लिया है। इन दोनों घटनाओं ने राज्य में संगठित धर्मांतरण नेटवर्क के एक बड़े जाल का पर्दाफाश कर दिया है।


बलरामपुर में छांगुर के करीबी शहाबुद्दीन और सबरोज गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा बलरामपुर से गिरफ्तार किए गए शहाबुद्दीन और सबरोज लंबे समय से गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए बहला-फुसलाने और उकसाने का कार्य कर रहे थे। ये दोनों जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के बेहद करीबी हैं, जो पूरे अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

जांच में सामने आया है कि ये लोग धार्मिक लालच, झूठे वादे और मदद के बहाने भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते थे और उन्हें एक विशेष धर्म में शामिल करने की योजना चलाते थे। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत एटीएस लखनऊ थाने में मामला दर्ज किया गया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और फंडिंग नेटवर्क तक पहुंचा जा सके।


छह राज्यों से 10 लोगों की गिरफ्तारी: आगरा पुलिस का बड़ा खुलासा

अवैध धर्मांतरण के इस अभियान के तहत आगरा पुलिस ने एक अन्य संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कम उम्र की लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका धर्मांतरण कराता था। इस गिरोह को विदेशों से फंडिंग मिलती थी और इसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था।

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पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण और आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस ने गोवा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से कुल 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया है:

  • गोवा निवासी: आयशा
  • कोलकाता निवासी: अली हसन, ओसामा
  • आगरा निवासी: रहमान कुरैशी
  • मुजफ्फरनगर निवासी: अब्बू तालिब
  • देहरादून निवासी: अबुर रहमान
  • जयपुर निवासी: मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी
  • दिल्ली निवासी: मुस्तफा
  • जयपुर निवासी: मोहम्मद अली (एक अन्य)

पुलिस के अनुसार, ये सभी एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत काम कर रहे थे और इनका उद्देश्य धार्मिक जनसंख्या में असंतुलन पैदा करना था। गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से डिजिटल सबूत, नकदी, दस्तावेज और फंडिंग ट्रैक रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं।


एटीएस और पुलिस का अभियान रहेगा जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य में धर्मांतरण के ऐसे किसी भी नेटवर्क को बख्शा नहीं जाएगा। एटीएस और पुलिस टीमें राज्यभर में सक्रिय मॉनिटरिंग और गुप्त जांच कर रही हैं। पूछताछ में और भी नाम सामने आने की संभावना है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।



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