वाशिंगटन/नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च, वह अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म जिसने जनवरी 2023 में गौतम अडाणी समूह और अन्य प्रमुख अरबपति कारोबारियों के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए थे, ने अपना कारोबार समेटने का ऐलान किया। फर्म के संस्थापक नाथन एंडरसन ने गुरुवार को इस फैसले की घोषणा की और कहा कि यह कंपनी तब तक काम करती रही जब तक उसके द्वारा निर्धारित किए गए विचारों को पूरा नहीं किया गया। एंडरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हमारी योजना थी कि जब हमारे द्वारा शुरू किए गए सभी विचार पूरे हो जाएंगे, तो हम कंपनी को बंद कर देंगे। और अब वह दिन आ गया है।”
हिंडनबर्ग रिसर्च का उत्पत्ति और विवाद:
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2017 में अपनी शुरुआत की थी, लेकिन इसे असली पहचान तब मिली जब इसने जनवरी 2023 में अडाणी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में अडाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, जैसे कि शेयरों में हेरफेर, वित्तीय अनियमितताएं और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी। इसके बाद, हिंडनबर्ग ने अन्य अरबपति जैसे जैक डॉर्सी और कार्ल इकान पर भी आरोप लगाए थे। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया और हिंडनबर्ग रिसर्च पर जवाबी कार्रवाई करने की घोषणा की थी।
अडाणी समूह के शेयरों में उछाल:
हिंडनबर्ग रिसर्च के कारोबार समेटने के ऐलान के बाद अडाणी समूह के शेयरों में तेजी देखी गई। अडाणी समूह की 9 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में गुरुवार को जोरदार उछाल आया। अडाणी इंटरप्राइजेस के शेयर खुले तो उन्होंने 4.35 प्रतिशत की बढ़त हासिल की और 2,492.15 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। इसके अलावा, अन्य अडाणी कंपनियों के शेयरों में भी उछाल देखने को मिला।
नाथन एंडरसन का बयान और हिंडनबर्ग रिसर्च का भविष्य:
नाथन एंडरसन ने अपनी पोस्ट में कहा कि कंपनी के बंद होने के बावजूद, उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और रिपोर्ट्स लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहेंगे। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट्स में अडाणी समूह के अलावा कई अमेरिकी कंपनियों को भी निशाना बनाया था, जिसके कारण फर्म को काफी विवादों का सामना करना पड़ा।
अंतिम निर्णय:
नाथन एंडरसन ने स्पष्ट किया कि कंपनी का समापन योजनाबद्ध था और वे इसे पूरी तरह से बंद करने के फैसले पर पहुंच चुके थे। हालांकि, इस फैसले के बावजूद हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स ने वैश्विक व्यापार जगत में एक बड़ी हलचल मचाई, और अडाणी समूह ने इन आरोपों का पूरी तरह से विरोध किया।
समाचार का प्रभाव:
यह समाचार उन निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट्स के कारण अडाणी समूह के बारे में अनिश्चितता महसूस कर रहे थे। हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने के बाद, अडाणी समूह के शेयरों ने यह साबित कर दिया कि निवेशक अभी भी समूह के भविष्य में विश्वास रखते हैं।