ठंड में नींद क्यों बढ़ जाती है? जानें सर्दियों की नींद का पूरा मार्गदर्शन

सर्दियों में शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे शरीर को ज़्यादा आराम की ज़रूरत पड़ती है। यही कारण है कि कई लोगों को इस मौसम में सामान्य दिनों की तुलना में अधिक नींद आती है और शरीर जल्दी थकने लगता है।

ठंड में शरीर धीमा क्यों हो जाता है?

ठंड लगने पर शरीर अपनी ऊर्जा बचाने के लिए कई प्रक्रियाओं की गति कम कर देता है। इसी कारण शरीर को अधिक आराम चाहिए होता है और नींद गहरी आती है। यह शरीर की स्वाभाविक कार्यप्रणाली का हिस्सा है।

कम धूप का असर नींद पर कैसे पड़ता है?

सर्दियों में दिन छोटे और धूप कम होती है। धूप की कमी से शरीर में वह तत्व कम बनता है जो जागने में मदद करता है। इसके कारण सुस्ती, जम्हाई और पूरे दिन नींद आना बिल्कुल सामान्य बात है।

मेलाटोनिन का बढ़ना नींद क्यों बढ़ाता है?

सर्दियों की ठंडी हवा और कम रोशनी के कारण शरीर में नींद लाने वाला तत्व अधिक बनने लगता है। यह तत्व शरीर को संकेत देता है कि आराम करने का समय है, जिससे नींद गहरी और अधिक होने लगती है।

ठंड में सुस्ती और आलस बढ़ने की वजह

ठंड के मौसम में शरीर सक्रिय रहने के बजाय गर्माहट और आराम ढूंढता है। इसी कारण लोग सुबह देर तक सोते हैं, उठने में मन नहीं लगता और पूरे दिन धीरे-धीरे काम करने की आदत बन जाती है।

क्या यह नींद बढ़ना शरीर के लिए अच्छा है?

सर्दियों में नींद बढ़ना कई बार शरीर के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि इससे ऊर्जा बचती है और शरीर गर्म बना रहता है। लेकिन बहुत अधिक नींद थकावट, सिरदर्द और सुस्ती भी ला सकती है, इसलिए संतुलन ज़रूरी है।

सर्दियों में नींद सुधारने के आसान तरीके

रोज़ाना एक जैसे समय पर सोना, हल्का व्यायाम करना, सोने से पहले गर्म पेय लेना और कमरे में हल्की गर्माहट बनाए रखना नींद को संतुलित करता है। इससे आप तरोताज़ा उठते हैं और दिनभर अच्छा महसूस होता है।

ठंड में नींद पर काबू पाने के ज़रूरी उपाय

सुबह धूप में समय बिताना, दिन के समय भारी भोजन से बचना और रात को मोबाइल या तेज रोशनी से दूरी रखना सर्दियों की नींद को बेहतर बनाता है। इन उपायों से नींद नियंत्रित होती है और दिनभर शरीर सक्रिय रहता है।