आयुर्वेद से आधुनिक शोध तक, अजवाइन के गुण सर्द मौसम में देते हैं राहत

सर्दियों में पेट दर्द, गैस, सर्दी-खांसी, बंद नाक, जोड़ों का दर्द और पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे समय में भारतीय रसोई में आसानी से मिलने वाली अजवाइन एक प्राकृतिक औषधि के रूप में बेहद उपयोगी साबित होती है। आयुर्वेद में अजवाइन को औषधीय दर्जा प्राप्त है और आधुनिक शोध भी इसके औषधीय गुणों की पुष्टि करते हैं। अजवाइन में 40 से 50 प्रतिशत तक थाइमोल पाया जाता है, जो एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। इसके साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और ओमेगा-9 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए लाभकारी माने जाते हैं।

गैस और पेट दर्द में तुरंत असर

सर्दियों में पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। गैस, पेट फूलना और ऐंठन की शिकायत में अजवाइन तेजी से राहत देती है। एक चम्मच अजवाइन को हल्का भूनकर उसमें चुटकी भर काला नमक मिलाकर चबाने से 10 से 15 मिनट में ही पेट की परेशानी में आराम महसूस होता है। अजवाइन पाचन अग्नि को मजबूत करती है और आंतों की ऐंठन को कम करने में मदद करती है।

सर्दी-खांसी और बंद नाक में कारगर

अजवाइन सर्दी-खांसी और साइनस की समस्या में भी असरदार मानी जाती है। उबलते पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर भाप लेने से नाक खुलती है और बलगम ढीला होकर बाहर निकलने में आसानी होती है। थाइमोल युक्त भाप सांस की नलियों को साफ करने में सहायक होती है, जिससे सर्दी के लक्षणों में राहत मिलती है।

पीरियड्स के दर्द में प्राकृतिक राहत

महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाला तेज दर्द और ऐंठन भी सर्दियों में ज्यादा परेशान करती है। ऐसे में आधा चम्मच अजवाइन को एक कप पानी में 5 से 7 मिनट तक उबालकर उसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर गर्म-गर्म पीने से दर्द में राहत मिलती है। अजवाइन मांसपेशियों को आराम देने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करती है।

अपच और एसिडिटी में फायदेमंद

भुनी हुई अजवाइन को पीसकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद चुटकी भर लेने से एसिडिटी, भारीपन और अपच की समस्या कम होती है। यह पाचन तंत्र को संतुलित रखती है और भोजन को आसानी से पचाने में सहायक होती है।

जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में उपयोगी

सर्दियों में जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की जकड़न आम समस्या है। अजवाइन को तवे पर गर्म करके कपड़े में बांधकर दर्द वाली जगह पर हल्का सेक करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। थाइमोल त्वचा के माध्यम से सूजन कम करने में सहायक माना जाता है।

सेवन में सावधानी भी जरूरी

अजवाइन का सेवन लाभकारी है और सामान्य मात्रा में लेने पर इसके साइड इफेक्ट नहीं माने जाते, लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं और पाइल्स से पीड़ित लोगों को बिना चिकित्सकीय सलाह के अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। संतुलित और सीमित मात्रा में अजवाइन सर्दियों में कई समस्याओं से बचाव में सहायक हो सकती है।