- दो घंटे तक चली गोलीबारी के बाद तीन कुख्यात नक्सली मारे गए
हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिले में सोमवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ गोरहर थाना क्षेत्र के पाती पिरी जंगल में हुई, जहां कोबरा बटालियन 209 और हजारीबाग पुलिस की संयुक्त टीम ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। करीब दो घंटे तक चली गोलीबारी के बाद तीन कुख्यात नक्सली मारे गए, जिनमें संगठन का बड़ा नेता सहदेव सोरेन उर्फ परवेश भी शामिल है। सहदेव सोरेन नक्सली संगठन की केंद्रीय समिति का सदस्य था और उस पर एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। वह लंबे समय से झारखंड और बिहार की सीमावर्ती इलाकों में नक्सली गतिविधियों का मास्टरमाइंड माना जाता था। एसपी अंजनी अंजन ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि सहदेव सोरेन की मौत से नक्सल संगठन को गंभीर झटका लगा है और आने वाले दिनों में संगठन की गतिविधियां कमजोर होंगी।
मुठभेड़ में दो जवान घायल, इलाज जारी
इस मुठभेड़ के दौरान दो जवान भी घायल हुए हैं।
- अजय भौमिक, कोबरा 209 बटालियन के सिपाही, जो असम के रहने वाले हैं।
- सुब्रतो विश्वास, कोबरा बटालियन के जवान, जो पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।
दोनों को पहले बरही अनुमंडलीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया, इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया।
डॉक्टरों के मुताबिक, दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है।
अन्य दो बड़े नक्सली नेता भी मारे गए
मुठभेड़ में मारे गए अन्य दो नक्सलियों की पहचान भी की गई है।
- रघुनाथ हेंब्रम – बिहार-झारखंड विशेष क्षेत्र समिति का सदस्य, जिस पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
- बीरसेन गंझू उर्फ रामखेलावन – क्षेत्रीय समिति का सदस्य, जिस पर 10 लाख रुपए का इनाम था।
ये दोनों नक्सली लंबे समय से झारखंड और बिहार की सीमाओं पर सक्रिय थे और कई बड़े हमलों, लूटपाट और हत्याओं में शामिल रहे थे। इनकी मौत से इस इलाके में नक्सल गतिविधियों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
हथियार और विस्फोटक बरामद
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए।
- एके-47 राइफल,
- पिस्तौल,
- कई राउंड गोलियां,
- विस्फोटक सामग्री और नक्सलियों के उपयोग के अन्य उपकरण।
एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि ये हथियार नक्सलियों द्वारा बड़े हमले की साजिश में इस्तेमाल किए जाने वाले थे। बरामद हथियारों से यह साफ है कि नक्सली संगठन किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाबलों की तत्परता से उनकी योजना नाकाम हो गई।
इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज
मुठभेड़ के बाद पूरे पाती पिरी जंगल और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक सर्च अभियान शुरू किया गया है।
सुरक्षा बल इलाके के हर कोने की तलाशी ले रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई नक्सली भागने न पाए।
ड्रोन और आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है।
एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि आने वाले दिनों में नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की पकड़ और मजबूत होगी और इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
नक्सलियों की साजिश पर सुरक्षा बलों का बड़ा वार
सूत्रों के अनुसार, सहदेव सोरेन और उसकी टीम त्योहारों के दौरान किसी बड़े हमले की साजिश रच रही थी।
इस साजिश की भनक लगते ही सुरक्षाबलों ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर यह संयुक्त अभियान चलाया।
इस कार्रवाई से नक्सली संगठन के मनोबल को करारा झटका लगा है।
स्थानीय लोगों में राहत और विश्वास
मुठभेड़ के बाद आसपास के गांवों के लोग राहत की सांस ले रहे हैं।
कई ग्रामीणों ने बताया कि नक्सली अक्सर उनसे जबरन वसूली करते थे और उनकी आजादी पर रोक लगाते थे।
अब लोगों को उम्मीद है कि सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई से उनके गांवों में शांति और सुरक्षा का माहौल कायम होगा।