हरियाणा के कैथल जिले के एक युवक का अमेरिका में पैसे कमाने का सपना अधूरा रह गया। वैध तरीके से जाने की उम्मीद में परिवार ने एजेंट को लाखों रुपये दिए, लेकिन युवक को अवैध रूप से खतरनाक “डंकी रूट” से अमेरिका भेजा गया। इसी दौरान ग्वाटेमाला में डोंकरों (ह्यूमन ट्रैफिकर्स) ने युवक को गोली मार दी। इस दर्दनाक घटना के बाद परिवार सदमे में है और एजेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
डंकी रूट बना मौत का सफर
कैथल जिले के गांव मटौर के रहने वाले मलकीत सिंह का सपना था कि वह अमेरिका जाकर अच्छी नौकरी करे और अपने परिवार का भविष्य संवार सके। मलकीत के पिता सतपाल सिंह, जो पेशे से किसान हैं, ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में अच्छा था और उसने पॉलिटेक्निक करने के बाद बीए किया था। अमेरिका जाने की इच्छा में उसने एक एजेंट से संपर्क किया, जिसने उससे 40 लाख रुपये की मांग की।
परिवार ने एजेंट को 25 लाख रुपये एडवांस दे दिए और एजेंट ने वादा किया कि मलकीत को अमेरिका सुरक्षित पहुंचा दिया जाएगा। लेकिन एजेंट ने उसे सीधे अमेरिका भेजने के बजाय, “डंकी रूट” से भेजने का खतरनाक तरीका अपनाया।
डंकी रूट क्या है?
डंकी रूट अवैध आप्रवासियों के लिए एक बेहद खतरनाक रास्ता है, जिसमें कई देशों के जंगलों, पहाड़ों और रेगिस्तानों को पार करते हुए लोग अमेरिका की सीमा तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। यह रास्ता दक्षिण और मध्य अमेरिका के कई खतरनाक इलाकों से होकर गुजरता है, जहां कई बार डोंकर (ह्यूमन ट्रैफिकर्स) और स्थानीय गिरोह पैसों के लिए लोगों को लूट लेते हैं या मार देते हैं।
ग्वाटेमाला में मौत, वीडियो से हुई पहचान
मलकीत ने अपना सफर शुरू किया और मैक्सिको बॉर्डर तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन ग्वाटेमाला में डोंकरों ने उससे और पैसों की मांग की। जब उसने देने से इनकार किया, तो डोंकरों ने उसे गोली मार दी।
परिवार को मलकीत की मौत का तब पता चला जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें ग्वाटेमाला के जंगलों में एक शव पड़ा था। जब परिवार ने वीडियो देखा तो उन्हें एहसास हुआ कि यह शव मलकीत सिंह का है।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मलकीत की मौत के बाद उसका परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। पिता सतपाल सिंह और भाई ने बताया कि कई और लोग इस डंकी रूट से गए हैं और वहां पैसे न मिलने पर डोंकर ऐसे ही गोली मार देते हैं।
परिजनों ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच हो और एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। परिवार ने अन्य युवाओं से भी अपील की है कि अमेरिका जाने के लिए अवैध रास्तों का सहारा न लें, क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है।
डंकी रूट से मौत का खतरा, पनामा के जंगल में लाशें तक नहीं मिलतीं
इस मामले से यह साफ हो गया है कि डंकी रूट से जाने वाले युवाओं की जिंदगी हमेशा खतरे में रहती है। जो लोग इस खतरनाक सफर पर निकलते हैं, वे कई बार पनामा के घने जंगलों में खो जाते हैं।
मलकीत के परिवार ने बताया कि डंकी रूट पर पुलिस भी नहीं पहुंचती, और अगर कोई व्यक्ति वहां मारा जाता है, तो उसकी लाश तक नहीं मिलती। यह केवल मलकीत की कहानी नहीं है, बल्कि हर साल हजारों लोग इसी तरह एजेंटों के झांसे में आकर अपनी जान गंवा देते हैं।
सरकार से अपील: अवैध अप्रवासन रोकने के लिए उठाए सख्त कदम
हर साल हजारों भारतीय युवा अमेरिका, कनाडा और यूरोप में बसने के लिए अवैध रास्तों का सहारा लेते हैं, लेकिन इनमें से बहुत कम लोग ही सुरक्षित पहुंचते हैं।
मलकीत सिंह की मौत के बाद अब सरकार से मांग की जा रही है कि ऐसे मामलों पर सख्त कानून बनाए जाएं और एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि किसी और परिवार को इस दर्द से न गुजरना पड़े।