August 2, 2025 2:28 PM

हरियाली तीज के पारंपरिक व्यंजन और उनका महत्व”शृंगार, व्रत और स्वाद से सजी हरियाली तीज: जानिए इस दिन बनाए जाने वाले विशेष पकवानों का महत्व”

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हरियाली तीज के खास व्यंजन और उनका धार्मिक महत्व

हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार खासकर विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और अविवाहित कन्याओं द्वारा उत्तम वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं, झूले झूलती हैं और हरियाली में गीत गाकर उत्सव मनाती हैं।

त्योहारों की मिठास उनके भोजन से भी जुड़ी होती है। हरियाली तीज पर अनेक प्रकार के पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं जो न केवल स्वाद में अद्भुत होते हैं, बल्कि उनमें धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी छिपा होता है। नीचे हरियाली तीज पर बनने वाले प्रमुख व्यंजनों की सूची और उनका महत्व प्रस्तुत है:


1. घेवर

  • महत्व: घेवर तीज का सबसे प्रमुख और पारंपरिक व्यंजन है। यह विशेष रूप से राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर भारत के कई हिस्सों में तीज के मौके पर बनता है। इसे देवी पार्वती को अर्पित किया जाता है और सुहागनों को ‘सावन का तोहफा’ माना जाता है।
  • मुख्य सामग्री: मैदा, घी, चाशनी, मावा, केसर, मेवा

2. मालपुआ

  • महत्व: मालपुआ मीठे और प्रेम का प्रतीक है। इसे तीज की रात प्रसाद के रूप में भी वितरित किया जाता है। यह व्यंजन उत्सव के उल्लास को बढ़ाता है।
  • मुख्य सामग्री: मैदा, दूध, सौंफ, इलायची, चीनी

3. खीर

  • महत्व: खीर को देवी लक्ष्मी और माता पार्वती को अर्पित किया जाता है। यह समृद्धि, संतोष और शुद्धता का प्रतीक है। तीज पर व्रत खोलने के लिए भी इसे उपयोग किया जाता है।
  • मुख्य सामग्री: चावल, दूध, चीनी, इलायची, मेवे

4. दाल की पूड़ी (मसाला पूड़ी)

  • महत्व: यह पूड़ी स्वाद के साथ-साथ ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे व्रत के बाद शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है। यह भोजन के मुख्य भाग में आती है।
  • मुख्य सामग्री: चना दाल, गेहूं का आटा, हरी मिर्च, धनिया

5. सब्जा वाली कढ़ी और बेसन की कढ़ी

  • महत्व: सात्विक भोजन का प्रतीक, तीज पर हल्का, स्वादिष्ट और पचने योग्य भोजन दिया जाता है। कढ़ी इस मांग को पूरा करती है।
  • मुख्य सामग्री: बेसन, दही, करी पत्ता, सरसों

6. मीठा सेवइयाँ

  • महत्व: यह मिठाई आपसी प्रेम और भाईचारे की प्रतीक है। घर-परिवार के लोगों के बीच मिठास घोलती है।
  • मुख्य सामग्री: सेवई, दूध, चीनी, घी, ड्राई फ्रूट्स

7. हलवा (सूजी/आटे का)

  • महत्व: देवी पूजन में प्रसाद रूप में हलवा विशेष महत्व रखता है। यह बलवर्धक और स्वादिष्ट होता है।
  • मुख्य सामग्री: सूजी/गेहूं का आटा, घी, चीनी, मेवे

8. सत्तू

  • महत्व: यह पारंपरिक व्यंजन शरीर को ठंडक और ऊर्जा देने वाला है। ग्रामीण अंचलों में यह प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
  • मुख्य सामग्री: भुना चना, शक्कर, घी, इलायची

9. लौकी/कद्दू की मिठाई

  • महत्व: यह ऋतुराज सावन की हरियाली का प्रतीक है। लौकी की मिठास और सौम्यता त्योहार में सुख-शांति का संदेश देती है।
  • मुख्य सामग्री: लौकी, दूध, चीनी, मावा

10. छेना मिष्ठान्न (रसगुल्ला / रसमलाई)

  • महत्व: यह आधुनिक स्वाद के साथ परंपरा का समावेश करता है। माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए दूध से बनी मिठाई बहुत शुभ मानी जाती है।

हरियाली तीज का पर्व सिर्फ व्रत और पूजा तक सीमित नहीं, यह सांस्कृतिक, पारिवारिक और सामुदायिक मेल-मिलाप का अवसर भी होता है। इसमें पकवानों की खुशबू, गीतों की गूंज और श्रृंगार की आभा इस त्योहार को विशेष बनाते हैं। हर व्यंजन किसी न किसी भाव, मान्यता और परंपरा से जुड़ा होता है।



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