हरियाली तीज 2025: पूजा विधि, व्रत कथा और उपाय, जानिए क्यों है यह व्रत इतना विशेष
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली हरियाली तीज भारतीय संस्कृति में स्त्रियों के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। वर्ष 2025 में हरियाली तीज रविवार, 27 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इतना गहरा है कि इसे देवी पार्वती के सौभाग्य, प्रेम और तप की प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

🌿 हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है? (पौराणिक मान्यता)
हरियाली तीज का सीधा संबंध भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि देवी पार्वती ने 108 जन्मों तक कठिन तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। हर जन्म में उन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए व्रत और तप किया। अंततः 108वें जन्म में उनकी तपस्या सफल हुई और भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
हरियाली तीज उसी पावन दिवस की स्मृति में मनाई जाती है, जब माता पार्वती को भगवान शिव की अर्धांगिनी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस दिन माता पार्वती का पूजन कर स्त्रियां अपने वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य और प्रेम की कामना करती हैं।

🌸 घर पर हरियाली तीज की पूजा विधि
हरियाली तीज पर महिलाएं विशेष श्रृंगार कर व्रत रखती हैं। यह व्रत निर्जला उपवास (जल तक न पीना) के रूप में भी किया जाता है। यहां घर पर पूजा करने की सरल विधि बताई गई है:
- प्रातः स्नान और संकल्प: सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को गोबर या मिट्टी से लीपकर शुद्ध करें, गंगाजल का छिड़काव करें।
- मूर्ति स्थापना: शुद्ध मिट्टी या बालू से भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाएं या चित्र/मूर्ति स्थापित करें।
- श्रृंगार और पूजन:
- माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल और पंचामृत से करें।
- बेलपत्र, धतूरा, फूल, फल, चंदन, अक्षत, सुपारी, मिठाई आदि अर्पित करें।
- व्रत कथा: हरियाली तीज की व्रत कथा का श्रवण करें।
- आरती और प्रार्थना: शिव-पार्वती की आरती करें और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना करें।

🌺 हरियाली तीज के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय
हरियाली तीज के दिन कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं, जिनसे वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं:
- सुहाग सामग्री का दान: विवाहित महिलाओं को सुहाग की सामग्री (चूड़ी, बिंदी, मेहंदी आदि) दान करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- हरियाली बांटना: हरी चूड़ियां और हरे वस्त्र बांटना शुभ होता है। इससे जीवन में समृद्धि और हरियाली बनी रहती है।
- कुंवारी कन्याओं का व्रत: जो कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की कामना रखती हैं, वे इस दिन व्रत कर शिव-पार्वती से प्रार्थना करें।
- सिंदूर अर्पण: माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है।

🌼 हरियाली तीज का सांस्कृतिक महत्व
हरियाली तीज सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी एक हर्षोल्लास और उल्लास का पर्व है। इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं, मेंहदी रचाती हैं और आपस में सोलह श्रृंगार की वस्तुएं आदान-प्रदान करती हैं। विशेष रूप से हरे रंग के वस्त्र और श्रृंगार को शुभ माना जाता है, जो प्रकृति की हरियाली और नवजीवन का प्रतीक है।

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