September 17, 2025 5:43 AM

हरियाली अमावस्या 2025: पितृ शांति, शिव आराधना और समृद्धि प्राप्ति का विशेष पर्व

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हरियाली अमावस्या 2025: पितृ तर्पण, शिव पूजन और समृद्धि का पावन पर्व

भोपाल। श्रावण मास के मध्य में आने वाली हरियाली अमावस्या इस वर्ष 24 जुलाई 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव और पितृ दोनों की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन तर्पण, पिंडदान और शिव पूजन करने से जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।

इस वर्ष हरियाली अमावस्या की अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जुलाई को रात 2:28 बजे से हो रही है, जो 25 जुलाई को दोपहर 12:40 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार पर्व 24 जुलाई को ही मनाया जाएगा।


🔱 हरियाली अमावस्या का पुराणों में महत्व

पुराणों के अनुसार, श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष फल मिलता है। हरियाली अमावस्या को “श्रावणी अमावस्या” भी कहा जाता है और यह प्रकृति पूजन, पितृ तर्पण और शिव उपासना का संगम दिन है।

इस दिन के पूजन से:

  • पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • अकाल मृत्यु, दरिद्रता और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
  • पूर्व जन्मों और वर्तमान जीवन के पाप समाप्त होते हैं।
  • प्राकृतिक समृद्धि, पारिवारिक सुख और कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है।

हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन लगाए गए वृक्ष कई जन्मों तक पुण्य देते हैं।


🕉️ हरियाली अमावस्या 2025: शुभ मुहूर्त व योग

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:15 बजे से 4:57 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक
  • अमृत काल: दोपहर 2:26 से 3:58 बजे तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन रहेगा
  • गुरु पुष्य योग: 24 जुलाई शाम 4:43 बजे से 25 जुलाई सुबह 5:39 बजे तक

ये सभी शुभ योग इस पर्व को और भी फलदायी बना रहे हैं।


🌿 हरियाली अमावस्या पर किए जाने वाले शुभ कार्य

  1. स्नान और तर्पण:
    पवित्र नदी में स्नान कर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना चाहिए। यदि नदी स्नान संभव न हो तो घर पर गंगाजल डालकर स्नान करें।
  2. शिव पूजन:
    इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक, बिल्वपत्र, धतूरा, भस्म और सफेद पुष्प चढ़ाएं। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  3. वृक्षारोपण:
    पीपल, नीम, तुलसी, आम, आंवला जैसे पौधों का रोपण करें। यह भविष्य के लिए पुण्य और पर्यावरण रक्षा दोनों करता है।
  4. दान-पुण्य:
    गरीबों को भोजन, वस्त्र, छाता, जूते और जल पात्र दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
  5. पितृ कार्य:
    पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन विशेष विधियों से पूजा, तर्पण और ब्राह्मण भोजन कराया जाए।

💠 जीवन में सुख-शांति व समृद्धि लाने वाले उपाय

🔹 गाय को हरा चारा खिलाएं: पितृदोष से मुक्ति और पारिवारिक सुख मिलेगा।
🔹 काले तिल का दान: अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलेगी।
🔹 शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं: मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलेगी।
🔹 पीपल के वृक्ष की पूजा करें: शनि दोष से राहत मिलेगी और दरिद्रता दूर होगी।
🔹 गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय जाप करें: जीवन में स्थिरता, लंबी उम्र और बाधाओं से रक्षा मिलेगी।


🌿 हरियाली अमावस्या: प्रकृति के साथ आत्मा की शुद्धि का पर्व

हरियाली अमावस्या केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेम, पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और आध्यात्मिक शुद्धता का प्रतीक पर्व है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि हम अपने अतीत को सम्मान दें, प्रकृति की रक्षा करें और भविष्य को हरियाली व समृद्धि से भरें।



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