Trending News

February 8, 2025 9:16 AM

शनि अमावस्या पर चंद्र-मंगल राशि परिवर्तन योग का अद्भुत संयोग: जानें 30 नवंबर का ज्योतिषीय महत्व

30 नवंबर 2024 को शनि अमावस्या पर चंद्र-मंगल राशि परिवर्तन योग, विशाखा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। जानें इस दिन के ज्योतिषीय महत्व, शुभ कार्य और विशेष उपाय।

शनिवार, 30 नवंबर 2024, को ज्योतिषीय दृष्टि से एक अद्भुत और दुर्लभ दिन माना जा रहा है। इस दिन चंद्रमा और मंगल ग्रह के बीच राशि परिवर्तन योग बनने जा रहा है। साथ ही यह दिन मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को साल 2024 की अंतिम शनिश्चरी अमावस्या के रूप में भी विशेष बना रहा है। इस दिन का महत्व अतिगण्ड योग और विशाखा नक्षत्र के संयोग से और अधिक बढ़ गया है। आइए जानते हैं इस दिन के ज्योतिषीय संयोगों और महत्व के बारे में विस्तार से।


चंद्र-मंगल राशि परिवर्तन योग का महत्व

कल चंद्रमा मंगल ग्रह की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे, जबकि मंगल ग्रह चंद्रमा की राशि कर्क में पहले से मौजूद हैं। इस अदला-बदली को ज्योतिष में चंद्र-मंगल राशि परिवर्तन योग कहा जाता है। यह योग विशेष रूप से ऊर्जा, आत्मबल और इच्छाशक्ति को बढ़ाने वाला माना जाता है।

  • चंद्रमा का प्रभाव: चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है। वृश्चिक राशि में इसका गोचर व्यक्ति के आत्म-निरीक्षण और आध्यात्मिक प्रगति को बल देता है।
  • मंगल का प्रभाव: मंगल साहस, ऊर्जा और कर्म का प्रतिनिधित्व करता है। कर्क राशि में यह गोचर भावनाओं और कार्यक्षमता के बीच संतुलन लाने का कार्य करता है।

अमावस्या का महत्व

अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। यह दिन पितृ तर्पण और दान-पुण्य के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। मार्गशीर्ष मास की यह अमावस्या शनि अमावस्या के रूप में और भी शुभ हो जाती है, क्योंकि इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व बताया गया है।

  • शनि अमावस्या की महिमा:
    शनिदेव को न्याय और कर्म के देवता माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
  • पितृ तर्पण:
    अमावस्या तिथि को पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है।

विशाखा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का प्रभाव

इस अमावस्या पर विशाखा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का संयोग बन रहा है। यह संयोग धार्मिक अनुष्ठानों और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

  • विशाखा नक्षत्र का महत्व: यह नक्षत्र सफलता, दृढ़ता और इच्छाशक्ति का प्रतीक है। इस नक्षत्र में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • अतिगण्ड योग का प्रभाव: यह योग जटिल परिस्थितियों में भी सफलता दिलाने वाला माना जाता है।

इस दिन के विशेष उपाय

  1. शनिदेव की पूजा:
  • सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • शनिदेव के समक्ष “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  1. पितृ तर्पण:
  • जल में काले तिल मिलाकर पितरों का तर्पण करें।
  • गरीबों को भोजन कराएं और वस्त्र दान करें।
  1. धार्मिक अनुष्ठान:
  • इस दिन गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।
  • हनुमानजी और शनिदेव को तिल और गुड़ अर्पित करें।
  1. दान-पुण्य:
  • काले तिल, काले वस्त्र, लोहे का दान करें।

इन राशियों के लिए विशेष फलदायी

  1. वृश्चिक और कर्क राशि: चंद्र-मंगल के गोचर का सीधा प्रभाव इन राशियों पर पड़ेगा, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल बढ़ेगा।
  2. मेष और मकर राशि: आर्थिक मामलों और करियर में सफलता मिलेगी।
  3. कुंभ और तुला राशि: आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति मिलेगी।

30 नवंबर का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण है। शनिश्चरी अमावस्या पर चंद्र-मंगल राशि परिवर्तन, विशाखा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का यह अद्भुत संयोग साधना, तप और शुभ कार्यों के लिए विशेष फलदायी रहेगा। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान करके और दान-पुण्य करके जीवन में सकारात्मकता और शांति का अनुभव किया जा सकता है।

Disclaimer:
यह लेख ज्योतिषीय जानकारी और परंपराओं पर आधारित है, जिसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है। इसमें दी गई जानकारी वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे अपनी व्यक्तिगत मान्यताओं और विवेक के अनुसार ग्रहण करें। किसी भी ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करें।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram
Share on pocket