उपासना स्थल कानून पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई के चलते टली कार्यवाही
ज्ञानवापी वजूखाना सर्वे याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की सुनवाई 6 अगस्त तक टली
प्रयागराज। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे 6 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में “उपासना स्थल कानून, 1991” की वैधता पर चल रही लंबित सुनवाई के कारण दिया।

क्या है मामला?
ज्ञानवापी परिसर में कथित “शिवलिंग आकृति” के अलावा वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से अतिरिक्त वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। यह याचिका श्रृंगार गौरी केस की प्रमुख वादी राखी सिंह की ओर से दायर की गई है।
राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने उच्च न्यायालय को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में उपासना स्थल अधिनियम की वैधता पर सुनवाई अभी जारी है और अंतरिम आदेश के तहत किसी भी सर्वेक्षण आदेश या अंतिम निर्णय पर रोक लगी हुई है। इसी वजह से हाईकोर्ट ने फिलहाल सुनवाई आगे बढ़ा दी।
कोर्ट की प्रक्रिया
इस याचिका के साथ 1991 के स्वयंभू लार्ड आदि विशेश्वर वाद को भी संबद्ध किया गया है, जिसमें अतिरिक्त वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने पूर्व में इस याचिका पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा था।
लेकिन चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में निचली अदालतों और हाईकोर्ट को किसी भी तरह के प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश देने से रोक रखा है, इसलिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिलहाल सुनवाई टाल दी।
आगे क्या?
अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 अगस्त 2025 को होगी, जब यह देखा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट में उपासना स्थल कानून से संबंधित निर्णय की क्या स्थिति है। उसी के अनुसार उच्च न्यायालय आगे की प्रक्रिया तय करेगा।
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