इंटरनेशनल टेनिस प्लेयर राधिका की हत्या: पिता ने प्लानिंग कर मारी गोली, जानिए 10 बड़े खुलासे

गुरुग्राम के वजीराबाद में 10 जुलाई को हुई इंटरनेशनल जूनियर टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में पुलिस जांच से चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस के अनुसार राधिका के पिता दीपक यादव ने ही अपनी बेटी की गोली मारकर हत्या की और इसके पीछे घरेलू तनाव, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत असहमति बड़ी वजहें रहीं।


कोच नहीं, ट्रेनर थीं राधिका

पुलिस जांच में सामने आया है कि राधिका यादव के पास कोई खुद की टेनिस एकेडमी नहीं थी। वह विभिन्न स्थानों पर टेनिस कोर्ट किराए पर लेकर बच्चों को ट्रेनिंग देती थीं। पहले यह कहा जा रहा था कि पिता दीपक ने सवा करोड़ रुपये खर्च कर बेटी को टेनिस एकेडमी शुरू करवाई थी, लेकिन पुलिस ने इस दावे को गलत बताया है।

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बेटी के फैसलों से खफा था पिता

दीपक यादव नहीं चाहता था कि राधिका इस तरह किराए के कोर्ट लेकर काम करे। वह बार-बार राधिका को मना करता था, लेकिन वह नहीं मानी। इसी बात को लेकर पिता-बेटी के बीच लगातार तनाव चल रहा था और यही अंततः हत्या की वजह बन गया।


हत्या की पूरी योजना बनाई थी

पुलिस के मुताबिक दीपक यादव ने इस हत्या की करीब 15 दिन पहले से योजना बनाना शुरू कर दी थी। हत्या वाले दिन यानी 10 जुलाई को उसने जानबूझकर बेटे धीरज को दूध लाने भेजा, ताकि वह घर पर न रहे और उसका मर्डर प्लान सफल हो सके।


हत्या के बाद पिता ने जताया पछतावा

हत्या के बाद दीपक यादव को जब पुलिस ने पकड़ा तो उसने खुद कबूल किया कि "मैंने पाप किया है। कन्या वध हो गया है। मुझे फांसी दिलाओ।" यह बात उसके भाई विजय यादव ने मीडिया से साझा की। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।


अंदर ही अंदर टूट चुकी थी राधिका

राधिका के कोच अजय यादव के साथ उसकी व्हाट्सएप चैट सामने आई है जिसमें वह घर छोड़ने और विदेश जाने की योजना बना रही थी। इससे साफ है कि पिता के साथ विवाद अब असहनीय हो चुका था।

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इंटरकास्ट मैरिज को लेकर भी था विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राधिका इंटरकास्ट मैरिज करना चाहती थी, जिसे पिता दीपक स्वीकार नहीं कर पा रहा था। उसके इंस्टाग्राम एक्टिविटी को लेकर भी दीपक को शक था। यह सब बातें पिता को मानसिक रूप से परेशान कर रही थीं।


बेटी की मौत को बताया ‘सम्मान का बोझ’

हत्या के बाद दीपक ने एक परिचित से कहा – “बेटी मेरी इज्जत थी, लेकिन समाज की बातें मेरे लिए जहर बन गईं।” यह बयान दर्शाता है कि सामाजिक दबाव और कथित ‘इज्जत’ की चिंता में उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।

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हत्या की परिस्थितियां और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

राधिका को प्वाइंट 32 कैलिबर की लाइसेंसी रिवॉल्वर से चार गोलियां मारी गईं। इनमें एक गोली उसके कंधे में लगी, एक ने दिल को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि दो ने आंतों को फाड़ दिया।

डॉक्टरों के अनुसार, यह गोलीबारी करीब 5 से 10 फुट की दूरी से की गई थी। राधिका की मौत गोली लगने के करीब 10 से 30 मिनट के भीतर हो गई।

हत्या के तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


हत्या से ठीक पहले राधिका का सामान्य व्यवहार

हत्या से पहले राधिका ने अपनी एकेडमी के ग्राउंडसमैन संदीप को मैसेज किया था - "मैं कल आऊंगी"। इस बातचीत में कोई तनाव झलकता नहीं दिखा। इससे साफ है कि राधिका को खुद भी नहीं पता था कि घर पर उसका अंत इतना भयावह होगा।

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राधिका का सपना – विंबलडन खेलना

राधिका के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मनोज के मुताबिक, वह बेहद समर्पित और महत्वाकांक्षी खिलाड़ी थी। उसका सपना था कि वह विंबलडन जैसे बड़े टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करे। लेकिन उसका सफर और सपना एक दर्दनाक अंत में बदल गया।

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यह मामला केवल एक घरेलू विवाद या ऑनर किलिंग नहीं, बल्कि सामाजिक दबाव, महिला स्वतंत्रता, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे कई गहरे मुद्दों को उजागर करता है। एक होनहार खिलाड़ी की जान चली गई, और एक पिता उम्रभर के अपराधबोध में जीने को मजबूर हो गया।



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