September 17, 2025 3:25 AM

नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में गुकेश की शानदार चौथी जीत, वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन से सिर्फ आधा अंक पीछे

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अर्जुन एरिगैसी पांचवें स्थान पर, विमेंस कैटेगरी में कोनेरू हम्पी खिसकीं दूसरे पायदान पर

स्टावेंगर (नॉर्वे), 6 जून।
भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए एक और गर्व का क्षण सामने आया है। मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट 2025 के 9वें राउंड में चीन के दिग्गज खिलाड़ी वेई यी को हराकर प्रतियोगिता में अपनी चौथी जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ गुकेश के अब कुल 14.5 अंक हो गए हैं और वे अंकतालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। उनसे आधा अंक आगे केवल नॉर्वे के सुपरस्टार और वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन हैं, जो 15 अंकों के साथ शीर्ष पर हैं।

फाइनल राउंड में कारुआना से होगी टक्कर

गुकेश अब टूर्नामेंट के 10वें और अंतिम राउंड में अमेरिका के ग्रैंडमास्टर फाबियानो कारुआना से भिड़ेंगे। यह मैच निर्णायक हो सकता है, क्योंकि गुकेश के पास इस मुकाबले को जीतकर कार्लसन को पीछे छोड़ते हुए खिताब जीतने का सुनहरा मौका है। कारुआना वर्तमान में अंकतालिका में चौथे स्थान पर हैं और उनकी चुनौती को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

अर्जुन एरिगैसी भी टॉप-5 में

भारत के एक और युवा ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने भी टूर्नामेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। 11.5 अंकों के साथ वे फिलहाल पांचवें स्थान पर बने हुए हैं और उन्होंने भारत की मजबूत शतरंज उपस्थिति को और मजबूती दी है।

विमेंस कैटेगरी में बड़ा उलटफेर

नॉर्वे चेस के विमेंस वर्ग में भी बड़ा फेरबदल हुआ है। विश्व चैंपियन जू वेंजुन को अन्ना मुजीचुक ने हराकर दो अंकों की बढ़त बना ली है और तालिका में शीर्ष स्थान पर पहुंच गई हैं। भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को चीनी खिलाड़ी लेई टिंगजी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, जिससे वे शीर्ष से खिसककर दूसरे स्थान पर आ गई हैं।

इसी कैटेगरी में ईरानी मूल की फ्रेंच ग्रैंडमास्टर सारा खाडेम ने भारतीय खिलाड़ी वैशाली रमेशबाबू को हराकर टूर्नामेंट में अपना दूसरा क्लासिकल मुकाबला जीत लिया।

कार्लसन को हराने वाले पहले भारतीय बने गुकेश

गुकेश ने इस टूर्नामेंट के छठे राउंड में कार्लसन को क्लासिकल चेस में पहली बार हराया था। यह मुकाबला ऐतिहासिक रहा, क्योंकि कार्लसन को गुकेश से हार इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने गुस्से में चेस बोर्ड पर मुक्का मार दिया और मोहरे बिखेर दिए। हालांकि बाद में उन्होंने गुकेश से माफी मांगी और उनकी पीठ थपथपाकर खेल भावना का परिचय दिया। इस हार के बाद कार्लसन ने मीडिया से बात करने से भी इनकार कर दिया।

वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलिंपियाड में भारत का परचम

डी गुकेश की उपलब्धियां यहीं तक सीमित नहीं हैं। दिसंबर 2024 में उन्होंने सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर खिताब जीता था। वे 18 साल की उम्र में यह खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे। इससे पहले गैरी कास्पारोव ने 22 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।

इसके अलावा, सितंबर 2024 में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आयोजित चेस ओलिंपियाड में भारत ने ओपन और विमेंस दोनों कैटेगरी में खिताब जीते थे। ओपन वर्ग में भारत को खिताबी जीत दिलाने वाले निर्णायक मुकाबले में गुकेश ने अहम भूमिका निभाई थी।

क्या गुकेश दोहरा पाएंगे करिश्मा?

अब सबकी निगाहें नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के अंतिम राउंड पर टिकी हैं, जहां गुकेश के पास एक और ऐतिहासिक जीत का अवसर है। अगर वे फाबियानो कारुआना को हरा देते हैं और कार्लसन अंक गंवाते हैं, तो गुकेश टूर्नामेंट के विजेता बन सकते हैं।


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