नई दिल्ली।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात की औद्योगिक प्रगति को देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि गुजरात आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गेटवे बन चुका है। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वे गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) के वार्षिक सम्मेलन “ऐनुअल ट्रेड एक्सपो 2025” के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
इस सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, उद्योग जगत के कई दिग्गज और सैकड़ों उद्यमी शामिल हुए। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार और उद्योग जगत के बीच बेहतर समन्वय के कारण गुजरात ने खुद को एक उद्योग-अनुकूल मॉडल राज्य के रूप में स्थापित किया है।
गुजरात बना ‘इंडस्ट्रियल गुलदस्ता’
अमित शाह ने कहा कि,
“गुजरात में उद्योग से लेकर तकनीक, आईटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और अग्रणी उद्योगों तक का एक सुंदर गुलदस्ता साकार होता दिखता है। यहां किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता, जिससे उद्योगपतियों को सुविधा और स्थायित्व का भरोसा मिलता है।”
उन्होंने कहा कि गुजरात में हड़ताल रहित, स्थिर और सहयोगी प्रशासनिक तंत्र ने निवेशकों और व्यवसायियों को आकर्षित किया है।
मोदी मॉडल की सराहना, भूपेन्द्र पटेल की प्रशंसा
अमित शाह ने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल की भी सराहना करते हुए कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने व्यापारियों और उद्योगपतियों से संवाद कर नीति निर्धारण किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और उद्योग-अनुकूल माहौल को और मजबूत कर रहे हैं।
जीसीसीआई की भूमिका को बताया निर्णायक
अमित शाह ने गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) के योगदान की भी प्रशंसा करते हुए कहा:
“जीसीसीआई ने गुजरात के युवाओं में उद्योग और व्यापार के लिए जोश और आत्मविश्वास जगाया है। अब जरूरत है कि वह स्थायी तंत्र बनाए जिससे युवाओं, उद्योगपतियों और नई पीढ़ी को मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहे।”
उन्होंने सुझाव दिया कि जीसीसीआई सिर्फ आयोजन तक सीमित न रहे, बल्कि रिसोर्स और कनेक्टिविटी सेंटर के रूप में कार्य करे।
2047 के विकसित भारत के विज़न की नींव
शाह ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में गुजरात अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि इस एक्सपो में 300 से अधिक उद्यमी और 30 से अधिक स्टार्टअप शामिल हुए हैं, जिनमें अधिकांश माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइज (MSME) से जुड़े हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा:
“गुजरात में उद्योग लगाने वाला निवेशक सबसे पहले यहां के उपयुक्त माहौल, न्यूनतम राजनीतिक हस्तक्षेप और त्वरित प्रक्रिया को देखता है, न कि सब्सिडी या प्रोत्साहन को।”
निष्कर्ष नहीं, भविष्य की राह
अमित शाह ने इस अवसर पर आने वाले 25 वर्षों के लिए चैंबर को नवाचार, समन्वय और स्थायित्व का स्तंभ बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उद्योग, सरकार और युवाओं के बीच पुल बनने की भूमिका जीसीसीआई प्रभावी रूप से निभा सकता है।
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