जीएसटी में बड़ा बदलाव: अब सिर्फ 5% और 18% स्लैब, रोजमर्रा के सामान सस्ते, लग्जरी पर 40% टैक्स
नई दिल्ली। देश की कर व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दरों में बड़ा फेरबदल किया है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब तक लागू चार स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% – को घटाकर केवल दो स्लैब कर दिया जाएगा। अब केवल 5% और 18% की दरें ही लागू होंगी। इसके अलावा, कुछ लग्जरी और हानिकारक उत्पादों पर 40% का विशेष टैक्स लगाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नए स्लैब 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगे। उनका कहना था कि इस बदलाव का उद्देश्य आम जनता को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सरल कर ढांचा उपलब्ध कराना और तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों की खपत पर रोक लगाना है।
"बस, ट्रक और एम्बुलेंस पर #GST की दरें 28% से घटकर 18 % करने का निर्णय लिया गया है।
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 3, 2025
सभी ऑटो पार्ट्स के लिए एकीकृत जीएसटी दर 18% होगी। वहीं, तिपहिया वाहनों पर यह दर 28% से घटाकर 18% की गई है।"
– 56वीं #GST परिषद बैठक के परिणामों पर प्रेस वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री… pic.twitter.com/CzFFlDFvjZ

किन चीजों पर टैक्स कम हुआ?
- रोजमर्रा के सामान जैसे साबुन, शैंपू, दूध, रोटी, पराठा, छेना और कई खाद्य उत्पाद अब या तो पूरी तरह जीएसटी से मुक्त होंगे या उन पर केवल 5% जीएसटी लगेगा।
- यूएचटी (अल्ट्रा हाई टेम्परेचर) दूध पर अब टैक्स नहीं लगेगा। पहले इस पर कर लागू था, जबकि सामान्य दूध पहले से ही टैक्स मुक्त था।
- प्लांट-बेस्ड दूध जैसे बादाम, ओट्स और राइस मिल्क पर पहले 18% जीएसटी लगता था, अब इसे घटाकर केवल 5% कर दिया गया है। सोया मिल्क पर भी यही दर लागू होगी।
- सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाएं – पहले इन पर 18% टैक्स था, अब इन्हें घटाकर केवल 5% किया गया है। हालांकि, इन सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ नहीं मिलेगा।
- इंश्योरेंस सेवाएं – इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।
- जीवन रक्षक दवाएं और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं – इन पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
किन चीजों पर टैक्स बढ़ा?
- लग्जरी सामान और तंबाकू उत्पाद – महंगी कारें, 350 सीसी से अधिक इंजन वाली मोटरसाइकिलें, याट और निजी विमान जैसे लग्जरी आइटम पर अब 28% की जगह 40% टैक्स लगाया जाएगा।
- बिना अल्कोहल वाले पेय पदार्थ – इन पर भी अब 40% टैक्स लगाया गया है। सरकार का कहना है कि इस कदम से गलत वर्गीकरण और कर विवादों से बचा जा सकेगा।
- फलों वाले कोल्ड ड्रिंक – इन पर पहले मुआवजा सेस के साथ टैक्स लगता था। अब सेस हटाकर जीएसटी की दर बढ़ा दी गई है, ताकि सरकारी राजस्व पर असर न पड़े।

वाहन क्षेत्र पर असर
सरकार ने साफ किया है कि अब छोटी कारों पर टैक्स घटा दिया गया है। पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी कारें, जिनका इंजन 1200 सीसी तक और लंबाई 4000 मिमी तक है, उन पर अब 28% की जगह केवल 18% जीएसटी लगेगा। इसी तरह, डीजल कारों (1500 सीसी तक इंजन और 4000 मिमी तक लंबाई) पर भी यही दर लागू होगी। इससे कार खरीदना पहले की तुलना में सस्ता होगा।
खाने-पीने की चीजों पर राहत
- अब सभी भारतीय ब्रेड उत्पाद जैसे रोटी, पराठा, चपाती, परोट्टा और पिज्जा ब्रेड पूरी तरह जीएसटी से मुक्त होंगे।
- पहले इन पर अलग-अलग टैक्स दरें लागू थीं, जिससे विवाद और भ्रम पैदा होता था। नई व्यवस्था में इसे पूरी तरह स्पष्ट कर दिया गया है।
- सरकार ने कहा कि भले ही कुछ नाम उदाहरण के तौर पर बताए गए हों, लेकिन छूट का लाभ सभी प्रकार की भारतीय ब्रेड को मिलेगा।
- अन्य खाद्य उत्पाद जो किसी विशेष श्रेणी में नहीं आते, उन पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगाया जाएगा।
खेल और मनोरंजन सेवाओं पर क्या बदलेगा?
मान्यता प्राप्त खेल आयोजनों में प्रवेश शुल्क को लेकर भी स्पष्टता दी गई। अगर टिकट की कीमत 500 रुपये तक है तो पहले की तरह छूट बनी रहेगी। लेकिन 500 रुपये से अधिक कीमत वाले टिकट पर 18% जीएसटी लगेगा।
तंबाकू उत्पादों पर नई दर कब लागू होगी?
सिगरेट, बीड़ी, जर्दा और बिना प्रोसेस किए तंबाकू पर अभी पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। नई 40% दर तब लागू होगी जब मुआवजा सेस से जुड़े सभी कर्ज और ब्याज पूरी तरह चुका दिए जाएंगे।
सरकार का उद्देश्य
वित्त मंत्री ने कहा कि इन बदलावों का मकसद कर ढांचे को सरल बनाना और उपभोक्ताओं को राहत देना है। छोटे व्यापारियों और आम आदमी को जहां राहत मिलेगी, वहीं तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर कर बढ़ाकर इनके इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जाएगा।
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