त्योहारों को ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में मनाएं, स्वदेशी अपनाएं : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 22 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को आगामी त्योहारों के अवसर पर विशेष संदेश देते हुए कहा कि इस बार पूरे देश को त्योहारों को ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही में लागू हुए नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार जगत को भी सुगमता और पारदर्शिता का अनुभव होगा। प्रधानमंत्री ने जनता से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया और कहा कि आत्मनिर्भर भारत का संकल्प तभी मजबूत होगा जब देशवासी मेड इन इंडिया वस्तुओं को अपनाएंगे।

प्रधानमंत्री का विस्तृत पत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को देशवासियों के नाम एक पत्र साझा किया। इसमें उन्होंने त्योहारों की शुभकामनाओं के साथ नए कर सुधारों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 22 सितंबर से लागू हुई नई दरों से अब रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, बिस्कुट, चप्पल, कपड़े, साइकिल, खिलौने, घरेलू उपकरण और वाहन पहले से सस्ते होंगे। उन्होंने लिखा कि “व्यापारी और दुकानदार ‘पहले और अब’ के बोर्ड लगाकर उपभोक्ताओं को यह दिखा रहे हैं कि कितनी बड़ी बचत हो रही है।”

‘एक राष्ट्र, एक कर’ से ‘बचत और समृद्धि’ तक

मोदी ने याद दिलाया कि वर्ष 2017 में जीएसटी यात्रा शुरू हुई थी। इसने देश को ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सिद्धांत पर आगे बढ़ाया। अब सुधारों की नई श्रृंखला के साथ यह व्यवस्था और व्यापक व सरल हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं के जीवन में बचत और व्यापारियों के कारोबार में समृद्धि आएगी।

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आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी की पुकार

अपने पत्र में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जनता का आह्वान करते हुए कहा, “जब देश के लोग स्वदेशी वस्तुओं को अपनाते हैं, तो उद्योग को बल मिलता है और लाखों नए रोजगार उत्पन्न होते हैं।” उन्होंने कारोबारियों से भी आग्रह किया कि वे स्वदेशी उत्पादों की बिक्री बढ़ाएं और ग्राहकों को अधिक से अधिक भारतीय वस्तुएं उपलब्ध कराएं।

11 वर्षों की प्रगति और 2047 का लक्ष्य

मोदी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकाले गए और भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये जीएसटी सुधार वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

जीएसटी की नई दरें

नवरात्रि के पहले दिन से लागू नई जीएसटी दरों में अब मुख्य रूप से 5% और 18% की दो श्रेणियां रखी गई हैं। वहीं, विलासिता की वस्तुओं पर 40% कर लगाया जाएगा। सिगरेट और तंबाकू जैसी चीजों को छोड़कर बाकी लगभग सभी वस्तुओं पर नई दरें प्रभावी हो गई हैं।

400 वस्तुएं हुईं सस्ती

करीब 400 वस्तुओं के दाम कम हो गए हैं। इनमें रसोई से जुड़े सामान, दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन शामिल हैं। रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुएं बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने भी अपनी कीमतें घटा दी हैं ताकि उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिल सके।

90% वस्तुओं पर टैक्स में राहत

पहले जीएसटी चार स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% – में लागू था। अब 12% वाले 99% सामान को 5% पर और 28% वाले 90% सामान को 18% पर ला दिया गया है। इससे साबुन, पाउडर, डायपर, घी, तेल, बिस्कुट, कॉफी और दूध उत्पाद जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं काफी सस्ती हो गई हैं।

जीएसटी सुधार और जनता का उत्साह

भोपाल के चौक बाजार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “घटी जीएसटी से मिला यह उपहार मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच का नतीजा है। इससे स्वदेशी की भावना को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास के नए प्रतिमान स्थापित होंगे।”

उपभोक्ताओं और व्यापारियों की प्रतिक्रिया

देशभर के उपभोक्ता इन बदलावों से उत्साहित हैं। उनका मानना है कि अब त्योहारी सीजन की खरीदारी सस्ती होगी और घरेलू बजट पर बोझ घटेगा। वहीं, व्यापारियों ने भरोसा दिलाया है कि वे कर कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएंगे।

निष्कर्ष से आगे बढ़ते हुए

नए जीएसटी सुधार केवल कर व्यवस्था में बदलाव नहीं, बल्कि आर्थिक संरचना में बड़ा सुधार हैं। इससे न केवल उपभोक्ताओं की जेब में राहत पहुंचेगी, बल्कि कारोबार को भी मजबूती मिलेगी। सबसे अहम बात यह है कि यह कदम देश को आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की दिशा में आगे ले जाने वाला है।