GST काउंसिल बैठक 2025: 175 आइटम्स पर टैक्स घटाने की तैयारी, 22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें
नई दिल्ली। देश की टैक्स व्यवस्था को सरल और प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। बुधवार, 3 सितंबर से राजधानी नई दिल्ली में GST काउंसिल की 56वीं बैठक शुरू हो गई। इस दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री और शीर्ष अधिकारी शामिल हुए हैं। माना जा रहा है कि इस बार बैठक से टैक्स स्लैब को घटाने और 175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती जैसी अहम घोषणाएं हो सकती हैं।
मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की तैयारी
इस समय देश में GST के चार स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% लागू हैं। लेकिन केंद्र सरकार टैक्स को सरल बनाने के लिए इसे घटाकर केवल दो मुख्य स्लैब – 5% और 18% करने का प्रस्ताव रख रही है। इसके साथ ही लग्जरी आइटम्स और महंगे सामानों को 40% टैक्स के दायरे में लाने की योजना है।
सरकार का मानना है कि ज्यादा स्लैब होने से न केवल टैक्स कलेक्शन जटिल हो जाता है, बल्कि व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भी भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
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175 आइटम्स पर सस्ते होने के आसार
बैठक में सबसे अहम चर्चा उन 175 आइटम्स पर टैक्स घटाने को लेकर हो रही है, जिनमें आम लोगों के उपयोग की वस्तुएं और औद्योगिक सामान शामिल हैं। इनमें खाद्य सामग्री, बादाम, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट आइटम्स, जैम, घी, मक्खन, अचार, मुरब्बा, चटनी, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसी चीजें शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, अगर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की सिफारिशों को मंजूरी मिल जाती है, तो देश का औसत GST टैक्स रेट 11.5% से घटकर 10% से भी नीचे आ सकता है।
नवरात्रि और फेस्टिव सीजन से पहले राहत देने की योजना
केंद्र सरकार चाहती है कि इन नई टैक्स दरों को 22 सितंबर से लागू कर दिया जाए। इसके पीछे सरकार की रणनीति साफ है – नवरात्रि और आगामी त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ताओं को राहत देकर बाजार में डिमांड और सेल्स को बढ़ावा देना।
CNBC की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार GST काउंसिल से तत्काल प्रभाव से दरों में बदलावों को मंजूरी देने का अनुरोध कर रही है।
राज्यों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश
GST काउंसिल की बैठक में एक अहम मुद्दा यह भी है कि टैक्स दरें घटने से राज्यों के रेवेन्यू लॉस को कैसे संतुलित किया जाए। कई राज्य पहले ही चिंता जता चुके हैं कि GST दरों में कटौती से उनकी कमाई पर असर पड़ेगा। केंद्र सरकार इस मसले पर भी भरोसा दिला रही है कि राज्यों के हिस्से की आय को सुरक्षित रखा जाएगा और इसके लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे।
GST काउंसिल की यह बैठक आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ उद्योग जगत के लिए भी बेहद अहम है। अगर सरकार दो स्लैब की प्रणाली लागू करती है और 175 आइटम्स पर टैक्स कम करती है, तो न केवल महंगाई पर राहत मिलेगी बल्कि त्योहारी सीजन में बाजार की रौनक भी बढ़ेगी। अब निगाहें 4 सितंबर पर टिकी हैं, जब इस बैठक के फैसलों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
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