कांग्रेस का प्रदर्शन, मंत्री ने भोपाल से उच्चस्तरीय जांच का दिया आश्वासन
धानसभा में उठा सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला, मंत्री पर गलत जानकारी देने का आरोप
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को एक बड़ा ज़मीनी घोटाला उजागर हुआ, जिसमें करोड़ों की सरकारी भूमि पर रसूखदारों के अवैध कब्जे और अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी देने का गंभीर मामला सामने आया है। विपक्षी कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान जोर-शोर से उठाया और प्रशासनिक लापरवाही की परतें खोलीं।
🌩️ विधानसभा की शुरुआत शोक प्रस्ताव से
सत्र की शुरुआत उत्तराखंड त्रासदी में मारे गए लोगों और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक प्रस्ताव से हुई। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया, जिससे प्रश्नकाल नहीं हो सका। दोपहर 12 बजे जब सत्र फिर शुरू हुआ, तो मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम की अधिसूचनाएं सदन में पढ़ी गईं।

🛑 सरकारी ज़मीन का मुद्दा उठा, मंत्री पर गलत जानकारी देने का आरोप
ग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह ने सदन में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से निजी नामांतरण करवा लिया गया है।
- 2003 में तहसीलदार द्वारा जांच में भूमि को सरकारी बताया गया था।
- 2018 में दोबारा जांच में भी भूमि को सरकारी घोषित किया गया।
- राजस्व न्यायालय ने भी भूमि को सरकारी मान्यता दी।
- इसके बावजूद 28 मई 2025 को राज्य सरकार द्वारा मांगी गई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
- राजस्व रिकॉर्ड में भूमि को सरकारी दर्ज नहीं किया गया, जिससे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा हो गया।
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री और अधिकारी जानबूझकर गलत जानकारी दे रहे हैं। तहसीलदार और अन्य अधिकारी सार्वजनिक रूप से भूमि को सरकारी मानते हैं, फिर भी रिकॉर्ड में हेरफेर हो रहा है।
🏛️ मंत्री का जवाब और आश्वासन
राजस्व मंत्री करण सिंह ने जवाब में कहा कि अगर इस जमीन पर किसी तरह की अदालती रोक नहीं है, तो जिस अधिकारी की लापरवाही पाई जाएगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले की जांच के लिए भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजेंगे।

🚨 विपक्ष का हंगामा और पुलिस भर्ती पर प्रदर्शन
सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने खाकी वर्दी पहनकर विधानसभा के बाहर पुलिस कांस्टेबल भर्ती में गड़बड़ी के आरोप को लेकर प्रदर्शन किया।
- विधायक हाथों में तख्तियां लेकर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे थे।
- विधायक रीति पाठक ने कटाक्ष करते हुए कहा, “विपक्ष विकास की बात नहीं करता, सिर्फ नारे लगाता है, ताकि टीवी पर आ सकें।”

🗳️ चार अहम विधेयकों पर चर्चा
सत्र के दौरान जिन चार विधेयकों पर चर्चा होनी है, वे इस प्रकार हैं:
- मध्यप्रदेश जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2025
- मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान संशोधन विधेयक 2025
- माध्यमस्थ अधिकरण संशोधन विधेयक 2025
- समाज के कमजोर वर्गों के लिए विधिक सहायता और निरसन विधेयक 2025
⚖️
विधानसभा में उठा सरकारी जमीन पर कब्जे और प्रशासनिक लापरवाही का मामला न केवल भ्रष्टाचार की गहराई दिखाता है, बल्कि राजनीतिक और अफसरशाही गठजोड़ की ओर भी इशारा करता है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला राज्य सरकार की जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है।
विपक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस भर्ती में गड़बड़ी और प्रशासनिक अनियमितता जैसे मुद्दों को लेकर वह आगामी दिनों में भी सरकार को घेरती रहेगी।
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