- योजना लागू करने के लिए सहकारिता मंत्रालय पिछले साढ़े तीन साल से काम कर रहा है
नई दिल्ली । केंद्र सरकार अब ओला और उबर की तरह टैक्सी सेवा शुरू करने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में एलान किया है कि सरकार ड्राइवरों को राहत देने के लिए सहकार टैक्सी योजना शुरू करने जा रही है। इसमें सहकारी समितियां दोपहिया, टैक्सी, रिक्शा और चार पहिया वाहनों को पंजीकृत करा सकेंगीं। लोकसभा में योजना की जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहकार से समृद्धि के ध्येय पर काम कर रही है। यह केवल एक नारा नहीं है। इसे जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए सहकारिता मंत्रालय पिछले साढ़े तीन साल से काम कर रहा है। जल्द ही आने वाले महीनों में एक बड़ी सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी। इसका ड्राइवरों को सीधा लाभ मिलेगा।
ओला, उबर के खिलाफ अलग-अलग किराया वसूलने की मिली थीं शिकायतें
दिसंबर 2024 में सरकार को शिकायत मिली थी कि कैब कंपनियां, विशेषकर उबर और ओला, आईफोन तथा एंड्रॉयड फोन का उपयोग करने वाले ग्राहकों से अलग-अलग किराया वसूल कर रही हैं। इसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया था। आरोपों को खारिज करते हुए ओला ने कहा था कि कंपनी के पास सभी ग्राहकों के लिए एक समान मूल्य निर्धारण संरचना है। ओला ने एक बयान में कहा था कि समान सवारी के लिए उपयोगकर्ता के सेलफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमने सीसीपीए को यह स्पष्ट कर दिया है, और हम इस संबंध में किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करेंगे। उबर के प्रवक्ता ने कहा था कि कंपनी सवार के फोन निर्माता के आधार पर कीमतें निर्धारित नहीं करती है। हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सीसीपीए के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। जबकि उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा था कि सीसीपीए ने राइड बुक करने के लिए भिन्न मूल्य निर्धारण पर कैब एग्रीगेटर्स को नोटिस जारी किया है। सीसीपीए से खाद्य वितरण और ऑनलाइन टिकट-बुकिंग एप सहित अन्य क्षेत्रों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कथित समान प्रथाओं पर भी गौर करने के लिए कहेंगे।