गोंडा में बोलेरो नहर में गिरी, 11 की मौत; मंदिर जा रहे थे सभी
गोंडा (उत्तरप्रदेश)। सावन के पावन महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने जा रहे श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा कभी खत्म नहीं हुई। उत्तरप्रदेश के गोंडा जिले में शनिवार को हुए एक दर्दनाक हादसे में बोलेरो वाहन के नहर में गिर जाने से 11 लोगों की मौके पर ही डूबकर मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में उपचाराधीन हैं। यह हादसा जिले में सरयू नहर के पास हुआ, जब श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो वाहन फिसलकर नहर में जा गिरी।

परिवार की धार्मिक यात्रा में मातम में बदला उत्सव
हादसे में मारे गए अधिकांश लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। बोलेरो में कुल 15 लोग सवार थे, जो सभी पृथ्वीनाथ मंदिर में जल चढ़ाने जा रहे थे। हादसे के समय बोलेरो में सवार सभी लोग भजन गा रहे थे, जब अचानक वाहन का संतुलन बिगड़ा और वह अनियंत्रित होकर सीधे नहर में गिर गई। बोलेरो के गिरते ही वाहन के भीतर लोग फंस गए और मदद आने से पहले ही कई लोगों ने दम तोड़ दिया।
10 मिनट में पहुंची पुलिस, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी
हादसे की आवाज और पानी में डूबते वाहन की चीखें सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़े। करीब 10 मिनट में पुलिस और अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। स्थानीय लोगों ने जान की परवाह किए बिना कार के शीशे तोड़े, गेट खोलने की कोशिश की, और अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुट गए।
बचाव में निकाले गए लोगों को तत्काल CPR दिया गया, पर 8 लोगों की सांसें नहीं लौटीं। बाद में 3 अन्य की भी मौत हो गई। चार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है।

बचने वाली किशोरी ने बताया हादसे का मंजर
हादसे में एक किशोरी बच गई, जिसने रोते हुए बताया,
“हम सभी लोग मंदिर जा रहे थे, बोलेरो में भजन गा रहे थे। अचानक गाड़ी फिसली और सीधी नहर में जा गिरी। उसके बाद क्या हुआ, कुछ भी याद नहीं… सब कुछ धुंधला हो गया।”
इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि हादसा बहुत अचानक हुआ और किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

नहर में अब भी फंसी है बोलेरो, तीन थानों की पुलिस जुटी रेस्क्यू में
बोलेरो गाड़ी अब भी सरयू नहर में फंसी हुई है, जिसे निकालने के लिए तीन थानों की पुलिस और करीब 100 जवान मौके पर तैनात हैं। गोताखोरों की मदद से बोलेरो को निकालने की कोशिशें जारी हैं। प्रशासन की ओर से जेसीबी, रस्सियों, बोट और क्रेन की व्यवस्था की गई है, ताकि वाहन को सुरक्षित बाहर लाया जा सके।
मृतकों की पहचान
पुलिस ने जिन 11 मृतकों की पहचान की है, वे सभी गोंडा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के निवासी हैं। मृतकों में शामिल हैं:
- बीना (35)
- काजल (22)
- महक (12)
- दुर्गेश
- नंदिनी
- अंकित
- शुभ
- संजू वर्मा
- अंजू
- अनसुइया
- सौमिया
इनमें से अधिकांश एक ही परिवार से संबंधित हैं, जिससे एक ही घर में कई अर्थियां उठने की नौबत आ गई है।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
इस हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा और पुलों की रेलिंग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरयू नहर जैसे खतरनाक स्थलों पर कोई सुरक्षा अवरोधक (रेलिंग या बैरिकेड्स) क्यों नहीं थे? क्या सड़क पर फिसलन थी? क्या बोलेरो की स्पीड अधिक थी? ऐसे तमाम सवालों का जवाब अभी मिलना बाकी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
गोंडा जिला प्रशासन ने हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को राहत राशि देने की घोषणा की है और अधिकारियों को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
श्रद्धा की यात्रा में छिपी लापरवाही का अंजाम
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि धार्मिक यात्रा की आड़ में प्रशासनिक लापरवाही और सड़क सुरक्षा की अनदेखी का करुण अंत है। सावन जैसे पावन महीने में जहां श्रद्धा चरम पर होती है, वहीं इस प्रकार की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या श्रद्धा से बड़ी सावधानी नहीं होनी चाहिए?
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!