सोना-चांदी के दामों में 1 अक्टूबर को बढ़ोतरी, इस साल अब तक 40 हजार महंगा हुआ सोना और 58 हजार बढ़ी चांदी
नई दिल्ली। अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही सोना और चांदी की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिली है। 1 अक्टूबर 2025 को इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,237 रुपए महंगा होकर 1,16,586 रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले यह 1,15,349 रुपए था। वहीं, चांदी भी 1,691 रुपए चढ़कर 1,44,125 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो बीते दिन 1,42,434 रुपए पर थी।
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इस साल सोना-चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
- 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था। तब से लेकर अब तक इसमें लगभग 40,424 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है।
- इसी अवधि में चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 1,44,125 रुपए प्रति किलो हो गया है। यानी 58,108 रुपए की वृद्धि।
यह लगातार बढ़त निवेशकों और आम लोगों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सोना और चांदी परंपरागत रूप से सुरक्षित निवेश माने जाते हैं।
आगे कहां तक जा सकता है सोना?
गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले साल तक सोने का भाव 5000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से भारत में इसकी कीमत करीब 1.55 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम होगी।
ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा का कहना है कि सोना अगले कुछ महीनों में 1,44,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
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सोने की तेजी के 5 बड़े कारण
1. केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीद
दुनियाभर के कई केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपने खजाने में सोने का हिस्सा लगातार बढ़ा रहे हैं।
👉 असर: लगातार खरीदारी से सोने की मांग बनी रहती है और कीमतों पर दबाव ऊपर की ओर रहता है।
2. ट्रंप फैक्टर और नीति-अनिश्चितता
अमेरिका की आर्थिक और राजनीतिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फेडरल रिजर्व पर हस्तक्षेप की चर्चाओं ने डॉलर-बॉन्ड बाजार को कमजोर किया है।
👉 असर: निवेशक सुरक्षित विकल्प खोजते हैं और सोने की ओर रुख करते हैं।
3. क्रिप्टो से सोने की ओर रुख
क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ती अनिश्चितता और सख्त नियमों के डर से निवेशक फिर से सोने में पैसा लगाने लगे हैं। भारत में शेयर बाजार से उम्मीद के मुताबिक रिटर्न न मिलने ने भी सोने को आकर्षक विकल्प बना दिया है।
👉 असर: निवेशक सोने में पूंजी लगाते हैं तो कीमतें और चढ़ती हैं।
4. डीडॉलराइजेशन का रुझान
कई देश अब डॉलर पर निर्भरता कम करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। अमेरिका का कर्ज बढ़ने और डॉलर कमजोर होने से वैश्विक वित्तीय प्रणाली में असंतुलन पैदा हो रहा है।
👉 असर: डॉलर के कमजोर होने पर सोने की कीमत स्वतः मजबूत होती है।
5. दीर्घकालिक सुरक्षित संपत्ति
सोना ऐसी धातु है जो नष्ट नहीं होती और सीमित मात्रा में उपलब्ध है। यह हमेशा महंगाई और आर्थिक संकट में अपनी कीमत बचा लेता है।
👉 असर: लंबे समय के निवेशकों के लिए सोना एक स्थायी और सुरक्षित विकल्प बना रहता है।
निवेशकों और आम जनता पर असर
सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल से जहां निवेशकों को लंबे समय में लाभ की उम्मीद है, वहीं आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ भी बढ़ा है। शादी-ब्याह और त्योहारों के मौसम में आभूषण खरीदना महंगा हो गया है। दूसरी ओर, निवेश पोर्टफोलियो में सोना-चांदी रखने वालों के लिए यह तेजी फायदेमंद साबित हो रही है।
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