वैश्विक तनाव और बैंकों की खरीदारी से बढ़े दाम; विशेषज्ञ बोले—‘अभी निवेश में सावधानी जरूरी’
इस साल सोना ₹50,630 और चांदी ₹90,450 महंगी, गोल्ड 1.55 लाख तक जा सकता है – जानिए वजहें और निवेश सलाह
नई दिल्ली।
कीमती धातुओं के बाजार में इस साल रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिली है। साल 2025 में अब तक सोने की कीमत ₹50,630 और चांदी की कीमत ₹90,450 प्रति किलो बढ़ चुकी है। यह बढ़ोतरी भारतीय बाजार के इतिहास में सबसे बड़ी छलांग मानी जा रही है।
31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹76,162 थी, जो अब बढ़कर ₹1,26,792 रुपये हो गई है। वहीं, एक किलो चांदी का भाव ₹86,017 से उछलकर ₹1,76,467 रुपये प्रति किलो** तक पहुंच गया है।
🔸 सोना 1.55 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है
गोल्डमैन सैक्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले महीनों में सोना नए रिकॉर्ड बना सकता है।
बैंक ने अगले वर्ष तक सोने का टारगेट 5,000 डॉलर प्रति औंस तय किया है, जो मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम के करीब बैठेगा।
पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा का कहना है कि भारत में सोना ₹1,44,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
उनके अनुसार, निवेशकों की नजर अब अमेरिकी डॉलर और वैश्विक ब्याज दरों पर है। यदि ब्याज दरें घटती हैं, तो निवेशक एक बार फिर सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करेंगे।
🟡 सोने की तेजी के तीन प्रमुख कारण
1️⃣ फेस्टिव सीजन की मांग
भारत में दिवाली, धनतेरस और शादियों का मौसम सोने की मांग को सबसे ज्यादा बढ़ाता है।
भले ही कीमतें ऊंची हों, लेकिन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सोना शुभ निवेश और प्रतिष्ठा का प्रतीक बना हुआ है।
ज्वेलरी मार्केट में इस साल खरीदारी की मात्रा (क्वांटिटी) भले कम रही हो, लेकिन बायिंग इंटरेस्ट मजबूत बना हुआ है।
2️⃣ जियोपॉलिटिकल टेंशन और वैश्विक अनिश्चितता
मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की चिंताएं, तथा वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्प (Safe Haven Asset) की ओर मोड़ा है।
सोना हमेशा से संकट के समय “सुरक्षा कवच” माना जाता है, इसलिए इन परिस्थितियों में उसकी कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।
3️⃣ केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक (Central Banks) डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं।
विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) के अनुसार, पिछले एक वर्ष में केंद्रीय बैंकों ने रिकॉर्ड मात्रा में सोना खरीदा, जिससे वैश्विक मांग में तेज उछाल आया।

📈 क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि इस साल सोना पहले ही 60% तक बढ़ चुका है, इसलिए आगे शॉर्ट टर्म में बड़ी तेजी की संभावना कम है।
“लोग मुनाफा वसूली कर सकते हैं। इसलिए अभी बड़ी मात्रा में खरीदारी से बचना चाहिए।
हालांकि, लंबी अवधि में सोने में निवेश अब भी लाभदायक रहेगा।”
उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक ब्याज दरें घटती हैं और डॉलर कमजोर होता है, तो 2025 के मध्य से फिर एक नई तेजी का दौर शुरू हो सकता है।
💡 सोना खरीदते समय रखें ये दो जरूरी सावधानियां
1️⃣ केवल सर्टिफाइड गोल्ड खरीदें
हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें।
यह हॉलमार्क एक अल्फान्यूमेरिक कोड के रूप में होता है, जैसे — AZ4524, जिससे सोने की शुद्धता की पुष्टि होती है।
24 कैरेट सबसे शुद्ध सोना होता है, जबकि 22 और 18 कैरेट में मिश्रण होता है।
2️⃣ कीमत की सही जानकारी लें
सोना खरीदने से पहले उसके भाव को विभिन्न स्रोतों — जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) या प्रमुख बैंकों की वेबसाइट — से क्रॉस चेक करें।
वजन, कर (GST), मेकिंग चार्ज और शुद्धता के अनुसार कीमत में फर्क आता है।
जितनी पारदर्शिता रखेंगे, उतना नुकसान से बच सकेंगे।
💬 निवेशकों के लिए विशेषज्ञ सलाह
वर्तमान परिस्थितियों में सोने और चांदी दोनों में लंबी अवधि के लिए निवेश सुरक्षित माना जा सकता है।
हालांकि, अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना 1.5 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार जा सकती है।
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सोने की कीमत इस साल ₹50,630 और चांदी ₹90,450 बढ़ी। गोल्डमैन सैक्स ने सोने के लिए ₹1.55 लाख का लक्ष्य रखा। जानिए तेजी के कारण, विशेषज्ञों की राय और निवेश के सही तरीके।
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